तालिबान के नये दांव के पीछे छिपी है बड़ी चाल, 3 महीने की शांति के लिये 7000 कैदी
ये तालिबानी छोड़े गये लेकिन अभी तक इस मुद्दे का राजनीतिक समाधान नहीं हो सका है, वहीं अब 5000 तालिबानी कैदी अफगान सेना पर हमले कर रहे हैं।
New Delhi, Jul 16 : अफगानिस्तान के 85 फीसदी इलाके पर कब्जा करने का दावा करने वाले तालिबान ने अब अफगान सरकार को शांति का प्रस्ताव दिया है, तालिबान ने कहा कि अगर उसके 7000 लड़ाकुओं को अफगान सरकार रिहा करती है, तो वो अगले 3 महीने तक शांति बनाये रखेंगे, तालिबान का ये बयान ऐसे समय पर आया है, जब अमेरिकी सेनाओं की वापसी के बाद उन्होने अपने हमले बहुत तेज कर दिये हैं, वहीं विशेषज्ञों का कहना है कि इस शांति के पीछे तालिबान की बड़ी रणनीति छिपी हुई है।
बड़ी मांग
इस बीच तालिबान की मांग पर अफगान सरकार की ओर से प्रमुख वार्ताकर नदेर नदेरी ने कहा कि ये एक बहुत बड़ी मांग है, उन्होने कहा कि तालिबान ने अपने नेताओं का नाम संयुक्त राष्ट्र की काली सूची से हटाये जाने की भी मांग की है, ये अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है कि इस सीजफायर के ऑफर पर अफगान सरकार क्या जवाब देगी, इससे पहले पिछले साल अफगान अधिकारी इस बात पर सहमत हो गये थे कि शांति वार्ता को दोहा में फिर से शुरु करने के लिये 5000 कैदियों को छोड़ा जाएगा।
नई मांग के पीछे छिपा हुई है एक चाल
ये तालिबानी छोड़े गये लेकिन अभी तक इस मुद्दे का राजनीतिक समाधान नहीं हो सका है, वहीं अब 5000 तालिबानी कैदी अफगान सेना पर हमले कर रहे हैं, कहा जा रहा है कि तालिबान की इस नई मांग के पीछे उसकी एक चाल छिपी हुई है, दरअसल तालिबान आतंकियों ने अफगानिस्तान में मारो और भाग जाओ की रणनीति अपना रखा है, उन्होने अफगानिस्तान के ज्यादातर हिस्सों में कब्जा तो जरुर कर लिया है, लेकिन वो अभी इसे बनाये रखने की स्थिति में नहीं हैं।
जोरदार एक्शन
अफगान सेना अब तालिबान के खिलाफ जोरदार एक्शन ले रही है, इतना ही नहीं कई जिलों को अफगान सेना ने वापस अपने कब्जे में ले लिया है, तालिबान को उम्मीद है कि अगर इसी स्थिति में सीजफायर हो जाता है, तो उसका जिन जगहों पर कब्जा है, वहां बना रहेगा, साथ ही जिन 7000 तालिबान आतंकियों को छोड़ा जाएगा, उनकी मदद से अपने कब्जे वाली जमीन पर पकड़ को और मजबूत कर लिया जाएगा।