नवजोत सिंह सिद्धू की ताजपोशी में फंसा पेंच, कांग्रेस आलाकमान और कैप्टन में ठनी
पंजाब कांग्रेस में मचा तूफान दिल्ली दरबार तक जा पहुंचा है, कैप्टन अमरिंदर को आलाकमान का दखल कतई रास नहीं आ रहा । पूरी खबर आगे पढ़ें ।
New Delhi, Jul 17: पंजाब में कांग्रेस की मुश्किलें कम होती नजर नहीं आ रही हैं । नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच की कलह को खत्म करने में आलाकमान के पसीने छूट गए हैं । बीच में खबर आई थी कि आलाकमान ने इस मुश्किल का हल निकाल लिया है, सिद्धू को पंजाब कांग्रेस का अध्यक्ष बनाकर सुलह करवाने की कोशिश की जाएगी, लेकिन सूत्रों के मुताबिक कैप्टन अमरिंदर सिंह को ये मंजूर नहीं ।
पंजाब कांग्रेस में कब खत्म होगी कलह?
मीडिया में खबर है कि कैप्टन ने सोनिया गांधी को एक और चिट्ठी लिखी है । कैप्टन ने आलाकमान को अपनी नाराजगी जताई है । खबर ये भी है कि पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत चंडीगढ़ में कैप्टन से मुलाकात कर उन्हें मनाने की कोशिश कर सकते हैं ।
दिल्ली दरबार तक पहुंची कलह
कैप्टन और सिद्धू के बीच का ये मसला दिल्ली दरबार तक जा पहुंचा है, पिछले कुछ महीनों में पंजाब कांग्रेस की हालत पतली होती जा रही है, लेकिन कांग्रेस आल इज वेल बताकर सब घर में ठीक करने की बात कह रहे हैं । पंजाब कांग्रेस के नेता एक सुर में कह रहे हैं सब ठीक है, घर की बात घर में सुलझा ली जाएगी । हालांकि खबरें और नेताओं के बयान में जमीन आसमान का अंतर स्पष्ट नजर आ रहा है ।
कैप्टन की चिट्ठी में नाराजगी
खबर है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह ने चिट्ठी में आरोप लगाया है कि पार्टी आलाकमान पंजाब सरकार और राज्य की राजनीति में दखल दे रहा है । नेतृत्व के दखल का खमियाजा पार्टी और सरकार दोनों को भुगतना पड़ सकता है । माना जा रहा है कैप्टन अमरिंदर सिंह की इस चिट्ठी के बाद पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष पद पर नवजोत सिद्धू की ताजपोशी अटक गई है । हालांकि पंजाब कांग्रेस के नेता राजकुमार वेरका का बयान आया है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह की ये चिठ्ठी सियासी नोट है, जिसमें उन्होंने सलाह दी है कि किस-किस को जगह दी जानी चाहिए । इसे शिकायत के तौर पर लेना ठीक नहीं है ।
चल रहा है मुलाकातों का दौर
आपको बता दें शुक्रवार को ही नवजोत सिंह सिद्धू ने सोनिया गांधी से मुलाकात की थी । उनके साथ राहुल गांधी और पंजाब कांग्रेस के प्रभारी हरीश रावत भी थे । सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस दौरान सोनिया गांधी ने सिद्धू की बयानबाजी को बेवजह बताया, अपनी नाराजगी भी जताई । हालांकि ये बैठक बेनतीजा रही, अब आखिरी फैसला सोनिया गांधी पर छोड़ दिया गया है । वहीं हरीश रावत और कैप्टन की मुलाकात पर अब सबकी नजर है ।