पंजाब में कांग्रेस के नए ‘कैप्टन’ नवजोत सिंह सिद्धू, जानें कितनी प्रापॅर्टी के हैं मालिक
नवजोत सिंह सिद्धू आखिरकार प्रदेश कांग्रेस के कैप्टन बन ही गए । क्रिकेट की फील्ड से राजनीति के पिच तक इस सफर में सिद्धू ने कितनी संपत्ति बनाई है, आगे पढ़ें ।
New Delhi, Jul 20: पंजाब में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच चल रहे विवाद के बीच कांग्रेस ने रविवार को सिद्धू को प्रदेश संगठन की कमान सौंप ही दी। सिद्धू को प्रदेश अध्यक्ष बनाने के साथ कांग्रेस आलाकमान ने पंजाब में चार कार्यकारी अध्यक्ष भी नियुक्त किए हैं। हाईकमान का ये फैसला अमरिंदर सिंह की नाखुशी का कारण बताया जा रहा है, लेकिन फिलहाल उन्होंने इस बदलाव को स्वीकार कर लिया है। बहरहाल, आगे आपको बताते हैं सिद्धू की संपत्ति के बारे में ।
महंगी घडि़यों के शौकीन
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि सिद्धू की संपत्ति में सबसे पहला जिक्र उनकी घडि़यों का किया जाता है, उनके पास 44 लाख रुपए की तो सिर्फ घड़ियां हैं । नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब की अमृतसर ईस्ट विधानसभा सीट से कांग्रेस के विधायक हैं, 2017 में चुनाव आयोग को दिए उनके हलफनामे के में सिद्धू ने जानकारी दी है कि उनके पास करीब 45 करोड़ 90 लाख रुपए की संपत्ति है। उनकी संपत्ति में 51 लाख रुपए से ज्यादा की ज्यूलरी है, जिसमें से 36 लाख रुपए के गहने उनकी पत्नी के नाम पर हैं।
लग्जरी गाड़ियां, कमर्शियल प्रॉपर्टी
नवजोत सिंह सिद्धू के पास चार लग्जरी गाड़ियां हैं, इनमें दो लैंड क्रूजर, एक मिनी कूपर और एक फॉर्च्यूनर गाड़ी शामिल है। सिद्धू की पत्नी के नाम पर कोई गाड़ी नहीं है। नवजोत सिंह सिद्धू और उनकी पत्नी के पास 6 करोड़ रुपए से ज्यादा की कमर्शियल बिल्डिंग्स हैं। आपको बता दें सिद्धू की 45 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति में 10 करोड़ की सपंत्ति उनकी पत्नी नवजोत कौर के नाम पर है।
सिद्धू की फैमिली
क्रिकेट की पिच से कमेंटरी बॉक्स और फिर कॉमेडी के सिंहासन से सियासत के मैदान में उतरे नवजोत सिंह सिद्धू का परिवार हैप्पी फैमिली लगता है । उनके परिवार में पत्नी नवजोत कौर सिद्धू, एक बेटी राबिया सिद्धू और एक बेटा करण सिद्धू है। पत्नी नवजोत कौर सिद्धू पेशे से डॉक्टर हैं और राजनेता भी । वहीं, सिद्धू की बेटी राबिया एक मॉडल हैं, वो फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाने वाली हैं। बहरहाल, पंजाब में पिछले कई महीनों से नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच चल रही खींचतान कांग्रेस के लिए एक सिरदर्द बन गई थी, जिसे सुलझाना पार्टी के लिए बेहद जरूरी था। सिद्धू को पार्टी की कमान देना इसी का नतीजा है ।