तालिबान को रौंदने की रूस ने कर ली पूरी तैयारी, उठाया खतरनाक कदम

अफगानिस्‍तान पर कब्‍जा जमा रहे तालिबान के लिए रूस का ये कदम खतरे की आहट है । रूस ने घोषणा की है कि वो बस कुछ ही दिनों में …

New Delhi, Jul 20: तालिबान के लगातार हो रहे हमलों के बीच रूस ने अफगानिस्तान की सीमा के पास युद्धाभ्यास का ऐलान कर चौंका दिया है । रूस की ओर से ये ऐलान सोमवार को किया गया कि वो अगले महीने से अफगानिस्तान की सीमा के पास ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के साथ सैन्य अभ्यास करने वाला है । रूस ने ये घोषणा तब की है जब अमेरिकी और नाटो सैनिकों की वापसी के बाद तालिबानी अफगानिस्तान के अलग-अलग हिस्सों पर तेजी से कब्जा जमा रहे हैं । अफगानिस्तान के आस-पड़ोस के देश भी अब अपनी सुरक्षा को लेकर चिंतित हो रहे हैं ।

Advertisement

जान बचाने के लिए ले रहे शरण
पिछले कुछ दिनों में तालिबान के उत्तरी हिस्से पर कब्जा जमाने के बाद अफगानिस्तान taliban russia (4) सुरक्षा बल के जवानों और शरणार्थियों को जान बचाने के लिए ताजिकिस्तान की शरण लेनी पड़ी है । दरअसल, अफगान सुरक्षा बलों से जंग के बाद तालिबान ने ईरान और पाकिस्तान की सीमा चौकियों पर भी कब्जा कर लिया है । रूसी रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा कि संयुक्त युद्धाभ्यास 5-10 अगस्त को अफगान सीमा के पास ताजिकिस्तान में खारबमैदोन ट्रेनिंग ग्राउंड में होगा ।

Advertisement

रूस डाएगा खतरनाक कदम
रूस के सेंट्रल मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के कमांडर अलेक्जेंडर लापिन की ओर से कहा गया है कि सेना एक सहयोगी देश के क्षेत्र पर अटैक करने वाले सशस्त्र तत्वों को हराने के लिए युद्धाभ्यास करेगी । वहीं न्यूज एजेंसी एएफपी taliban russia (3)की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक रक्षा मंत्रालय ने कहा कि ताजिकिस्तान में रूसी सैन्य अड्डे और सेंट्रल मिलिट्री डिस्ट्रिक्ट के सैनिक युद्धाभ्यास में हिस्सा ले रहे हैं । अफगानिस्तान की सीमा पर रूस के युद्धाभ्यास का ऐलान बहुत ही अहम माना जा रहा है । आपको बता दें रूस तालिबान और अफगानिस्तान सरकार के बीच शांति प्रयासों में भी लगा हुआ है, कुछ समय पहले ही तालिबान का प्रतिनिधमंडल मॉस्को दौरे पर गया था ।

Advertisement

पुतिन ने अमेरिका के सामने रखा था प्रस्‍ताव
रूस इससे पहले अपने बयान में कह चुका है कि अफगानिस्तान में अमेरिकी Joe bidenमिशन नाकाम रहा है । वहीं, युद्धग्रस्त देश की तेजी से बिगड़ती स्थिति के लिए विदेशी सैनिकों की वापसी के फैसलों को भी जिम्मेदार ठहराया । दावा किया जा रहा है कि इसी जून महीने में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने तालिबान से निपटने के लिए अमेरिका के सामने सैन्य मदद का प्रस्ताव भी रखा था । जानकारों के मुताबिक  अफगानिस्तान में बिगड़ती स्थिति को लेकर रूस ही सबसे ज्यादा दबाव में है, इसी वजह से तालिबान को रौंदने की वो पूरी तैयारी कर रहा है ।