Tokyo Olympics- कोरोना काल में ओलंपिक की तैयारी छोड़ लोगों की सेवा कर रहे थे, अब जीता गोल्ड

एक निशानेबाज टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों को छोड़कर लोगों की कोरोना से जान बचाने में जुटा रहा, लेकिन अब इस निशानेबाज ने कमाल करते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया है।

New Delhi, Jul 25 : पूरी दुनिया के लिये ये काफी मुश्किल भरा समय है, हर कोई कोविड-19 महामारी से लड़ रहा है, इस महामारी ने लाखों लोगों की जान ले ली, लोगों को उनके घरों में कैद कर दिया, उनका व्यापार, काम-धंधा चौपट कर दिया, कोरोना के कारण टोक्यो ओलंपिक को 2020 से 2021 में किया गया, हालांकि इस बीच ज्यादातर खिलाड़ी सख्त प्रोटोकॉल के बीच भी ओलंपिक की तैयारियों में जुटे रहे।

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गोल्ड मेडल
वहीं एक निशानेबाज टोक्यो ओलंपिक की तैयारियों को छोड़कर लोगों की कोरोना से जान बचाने में जुटा रहा, लेकिन अब इस निशानेबाज ने कमाल करते हुए गोल्ड मेडल हासिल किया है, ईरान के 10 मीटर एयर पिस्टल के ओलंपिक चैंपियन जावेद फोरोगी जो खुद को देश का सैनिक बताते हैं, क्योंकि कोरोना के दौरान जब दूसरे निशानेबाज ओलंपिक की तैयारियों में जुटे थे, तो वो अस्पताल में मरीजों की सेवा कर रहे थे।

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ईरान के पहले चैंपियन
आपको बता दें कि फोरोगी 41 साल के हैं, उन्होने शनिवार को 244.5 अंक के ओलंपिक रिकॉर्ड के साथ गोल्ड मेडल जीता था, इस कॉम्पटीशन में भारत की ओर से सौरभ चौधरी उतरे थे, हालांकि क्वालीफिकेशन में टॉप पर रहने के बाद फाइनल में वो सातवें स्थान पर रहे, फोरोगी ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं कि मैं पिस्टल और राइफल में ईरान का पहला चैंपियन हूं।

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पहला मेडल
ईरान ने इससे पहले कभी ओलंपिक में इनमें पदक नहीं जीता था, यहां तक कि कांस्य भी नहीं मिला था, लेकिन मैंने गोल्ड मेडल जीता, उन्होने कहा कि मैं बहुत खुश हूं, कि मैंने देश के सैनिक के तौर पर अच्छा काम किया है, corona फोरोगी ने कहा कि मैं नर्स हूं और अस्पताल में काम करता हूं, खासकर कोरोना के दौरान मैंने अस्पताल में काम किया, पिछले साल भी मैं कोरोना पॉजिटिव हो गया था, क्योंकि मैं अस्पताल में काम कर रहा था, बीमारी से उबरने के बाद मैंने प्रैक्टिस शुरु की थी।