किसान के बेटे, 19 साल में बने फौजी, जानिये कौन है टोक्यो ओलंपिक में गोल्ड जीतने वाले नीरज चोपड़ा

हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव के एक छोटे से किसान के घर 24 दिसंबर 1997 को नीरज चोपड़ा का जन्म हुआ था, उन्होने अपनी पढाई चंडीगढ से की है।

New Delhi, Aug 07 : टोक्यो ओलंपिक से भारतीय फैंस के लिये आज खुशखबरी आई है, नीरज चोपड़ा ने इतिहास रच दिया है, जिस गोल्ड मेडल की आस भारतीय फैंस लगाये बैठे थे, वो आज नीरज ने जेवलिन में पूरी कर दी है, उन्होने शानदार प्रदर्शन से सबको पछाड़ते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम किया है।

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शानदार प्रदर्शन
नीरज चोपड़ा ने फाइनल में शुरुआत से ही अपना दबदबा कायम रखा, पहले ही थ्रो में भाला 87 मीटर दूर फेंका, इसके बाद दूसरे थ्रो में उन्होने अपना ही प्रदर्शन सुधारते हुए 87 मीटर से भी दूर भाला फेंका, आखिर में सभी को पछाड़ते हुए गोल्ड मेडल अपने नाम कर गये।

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हरियाणा के हैं नीरज
आपको बता दें कि हरियाणा के पानीपत जिले के खांद्रा गांव के एक छोटे से किसान के घर 24 दिसंबर 1997 को नीरज चोपड़ा का जन्म हुआ था, उन्होने अपनी पढाई चंडीगढ से की है, 2016 में नीरज ने IAAF विश्व अंडर-20 चैंपियनशिप में 86.48 मीटर दूर भाला फेंककर गोल्ड मेडल हासिल किया था, जिसके बाद उन्हें भारतीय फौज में जूनियर कमिशन्ड ऑफिसर की नौकरी मिली थी।

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आर्मी में नौकरी
आर्मी में नौकरी मिलने के बाद नीरज चोपड़ा ने एक इंटरव्यू में कहा था कि मेरे पिता किसान हैं,  मां हाउस वाइफ है, मैं एक ज्वाइंट फैमिली में रहता हूं, मेरे परिवार में किसी की सरकारी नौकरी नहीं है, इसलिये सब मेरे लिये खुश हैं, उन्होने आगे कहा था कि अब मैं अपनी ट्रेनिंग के साथ परिवार की आर्थिक सहायता भी कर सकता हूं।