इंडियन ऑर्मी में सूबेदार हैं नीरज चोपड़ा, सेना के इन जवानों ने भी ओलंपिक में दिलाया मेडल

नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में 4 राजपूताना राइफल्स में सूबेदार हैं, 2016 में उन्हें नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमिशंड ऑफिसर के रुप में चुना गया था।

New Dellhi, Aug 09 : एथलेटिक्स में भारत का पहला ओलंपिक गोल्ड मेडल जेवलिन थ्रो में नीरज चोपड़ा ने दिलाया है, 87.58 मीटर के स्कोर के साथ भाला फेंक में गोल्ड जीतते ही उन्होने इतिहास भी रच दिया, अभिनव बिंद्रा के बाद ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पद जीतने वाले वो सिर्फ दूसरे भारतीय हैं।

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राजपूताना राइफल्स की शान बने नीरज
नीरज चोपड़ा भारतीय सेना में 4 राजपूताना राइफल्स में सूबेदार हैं, 2016 में उन्हें नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमिशंड ऑफिसर के रुप में चुना गया था, अमूमन इंडियन आर्मी किसी खिलाड़ी को जवान या नॉन कमिशंड ऑफिसर के पद पर भर्ती करती है, लेकिन नीरज की काबिलियत के मद्देनजर उन्हें सीधे नायब सूबेदार के पद पर नियुक्त किया गया था।

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ये पदकवीर भी थे भारतीय सेना का हिस्सा
भारत को ओलंपिक मेडल दिलाने में सेना ने अहम किरदार निभाया है, नीरज से पहले एथेंस ओलंपिक के सिल्वर मेडलिस्ट शूटर राज्यवर्धन सिंह राठौर, 2012 लंदन ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता शूटर विजय कुमार का ताल्लुक भी भारतीय सेना से है, इतना ही नहीं महान धावक मिल्खा सिंह भी सेना में भर्ती होने के बाद ही अपनी प्रतिभा को निखारा था, वैसे हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद भी सेना में रहे थे, लेकिन टीम इवेंट में मेडलिस्ट थे।

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मेडल जीतने पर नीरज ने क्या कहा
नीरज चोपड़ा 3 दिन पहले क्वालिफिकेशन में शीर्ष पर रहे थे, फाइनल में उन्होने इससे भी बेहतर प्रदर्शन किया, 87.58 मीटर की दूरी के सर्वश्रेष्ठ प्रयास से पहला स्थान हासिल किया, 23 साल के नीरज ने ऐतिहासिक स्वर्ण पदक जीतने के बाद कहा विश्वास नहीं हो रहा है, पहली बार है, जब भारत ने एथलेटिक्स में स्वर्ण पदक जीता है, इसलिये मैं बेहद खुश हैं, हमारे पास अन्य खेलों में ओलंपिक का एक ही स्वर्ण है।