अफगानिस्तान पर अब तालिबान का कंप्लीट कंट्रोल, मुल्क छोड़कर भागे राष्ट्रपति गनी, भावुक चिठ्ठी छोड़ी
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने तालिबान के कब्जे के बाद देश छोड़ दिया है । गनी ने इससे पहले वतन के लोगों के नाम एक भावुक चिठ्ठी लिखी है ।
New Delhi, Aug 16: पूरी दुनिया चुपचाप देखती रह गई, और अफगानिस्तान पूरी तरह से तालिबान के कब्जे में चला गया । 20 साल के बाद एक बार फिर तालीबानी कंप्लीट कंट्रोल में आ गए । 15 अगस्त 2021 को जब भारतीय आजादी का जश्न मना रहे थे, तब तालिबान के लड़ाके अफगान राजधानी काबुल पर घेरा डाल रहे थे । पिछले 3 महीनों से चल रही इस लड़ाई में तालिबानियों ने कंधार, हेरात, कुंडूज, जलालाबाद, बल्क समेत अफगानिस्तान के बाकी हिस्से भी एक-एक कर कब्जा लिए । लेकिन राजधानी तक वो इतनी जल्द पहुंच जाएंगे इसका अंदाजा किसीको नहीं था । अफगान सरकार ने तो मानों आतंक के आगे घुटने ही टेक दिए । अपने नागरिकों को आतंक के हवाले कर राष्ट्रपति अशरफ गनी ने मुल्क छोड़ना जरूरी समझा ।
अशरफ गनी का खत
देश छोड़ने की जानकारी अशरफ गनी ने सोशल मीडिया पर दी और बताया कि क्यों उनके सामने यही एक रास्ता बचा था । गनी ने भावुक चिठ्ठी में लिखा है- आज मेरे सामने कठिन विकल्प है. मुझे कठिन फैसला लेना पड़ा. मुझे तालिबान के सामने खड़ा रहना चाहिए । मैंने बीते 20 साल से अपनी जीवन यहां के लोगों को बचाने में बिताया है। मैंने अगर देश नहीं छोड़ा होता तो यहां की जनता के लिए अंजाम बुरे होते। तालिबानियों ने मुझे हटाया है। वो काबुल में यहां के लोगों पर हमले के लिए यहां आए हैं। गनी ने ये भी लिखा कि तालिबान ने हिंसा से लड़ाई जीत ली है । अब उनकी जिम्मेदारी है को वो अफगानिस्तान के लोगों की रक्षा करे। उन्होंने लिखा है कि खूनखराबे से बचने के लिए मेरा अफगानिस्तान से जाना ही सही लगा।
उत्साहित हैं तालिबानी
वहीं तालिबान के कमांडरों ने कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पैलेस पर कब्जा जमा लिया है, अब देश पर उनका कंप्लीट कंट्रोल है । राष्ट्रपति गनी के मुल्क छोड़ने के फैसले के बाद तालिबान के डिप्टी लीडर मुल्ला बरादर ने कहा कि उन्हें कभी ऐसी उम्मीद नहीं थी कि वे इस तरह से वापसी करेंगे । तालिबानी नेता ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि अब उन लोगों का परीक्षण इस बात पर होगा कि वो कैसे अफगानिस्तान के लोगों के हितों की सुरक्षा करते हैं। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक तालिबान के प्रवक्ता ज़बीहुल्ला मुजाहिद ने कहा कि काबुल में उनके प्रवेश पर लोगों के डरने की जरूरत नहीं है।
अफरा-तफरी का माहौल
वहीं राष्ट्रपति अशरफ गनी के मुल्क छोड़ने की खबर के बाद से ही देश में अफरा तफरी मची हुई है । अफगानी सेना, एयरफोर्स के लोगों के लिए अब तालिबान के शासन में रहना मौत के मुंह में जाने से कम नहीं । वहीं तालिबान के खिलाफ मोर्चा संभाले उपराष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह ने ट्वीट किया कि तालिबान के साथ मिलकर काम करना किसी भी सूरत में संभव नहीं । आपको बता दें 20 साल बाद सत्ता में लौटे तालीबानियों का डर जनता में साफ देखने को मिल रहा है, कई मजूबरी में घर छोड़कर जा रहे हैं । पूरी दुनिया इस तख्तापलट पर निगाहें टिकाए हुए है ।
I will never, ever & under no circumstances bow to d Talib terrorists. I will never betray d soul & legacy of my hero Ahmad Shah Masoud, the commander, the legend & the guide. I won't dis-appoint millions who listened to me. I will never be under one ceiling with Taliban. NEVER.
— Amrullah Saleh (@AmrullahSaleh2) August 15, 2021