US में जन्‍म, अफगान सेना में रहे कर्नल, जानें कौन हैं गनी के बाद सत्‍ता पाने वाले अली अहमद जलाली

अफगानिस्तान की राजधानी काबुल पर तालिबान ने कब्‍जा कर लिया है और राष्‍ट्रपति गनी भी मुल्‍क छोड़ गए हैं । खबर है कि अब जिम्‍मेदारी अली अहमद जलाली पर है, कौन हैं ये आगे पढ़ें ।

New Delhi, Aug 16: तालिबान ने पूरी दुनिया के सामने अफगानिस्‍तान पर इंच-इंच कब्‍जा कर लिया । राजधानी काबुल पर भी कब्‍जा कर चुके तालीबानी अब देश वासियों के हितों की रक्षा का दावा कर रहे हैं । कब्‍जे के बीच राष्ट्रपति पद से इस्तीफा देकर अशरफ गनी देश छोड़ गए हैं, वतन के लिए एक भावुक चिठ्ठी छोड़ गए हैं । इस बीच खबर आई है कि देश में सत्ता का हस्तांतरण शांतिपूर्ण होगा और अंतरिम अफगान सरकार की जिम्मेदारी पूर्व गृह मंत्री अली अहमद जलाली को मिली है । कौन हैं ये जलाली और तालिबान के अफगानिस्तान फतह करने के बावजूद सरकार की चाबी अली अहमद जलाली के हाथ में क्यों बताई जा रही है ।

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कौन हैं अली अहमद जलाली?
सबसे पहले तो आपको जलाली का इतिहास बताते हैं, अली अहमद जलाली का जन्‍म अफगानिस्तान में नहीं, बल्कि अमेरिका में हुआ है । वे 1987 से अमेरिकी नागरिक थे और मैरीलैंड में रहते थे। साल 2003 Ali Ahmed Jalali (1)में उनकी अफगानिस्तान में उस समय वापसी हुई जब यहां तालिबान का कहर कम हो रहा था। उस समय देश को एक मजबूत सरकार की दरकार थी। तब जलाली को इंटीरियर मिनिस्टर बनाया गया था। वे सितंबर 2005 तक इस पद पर बने रहे थे। इसके साथ ही जब अफगानिस्तान में 80 के दशक में सोवियत संघ संग लंबा युद्ध चला था तब भी अली अहमद जलाली ने एक सक्रिय भूमिका अदा की थी। तब वे अफगान आर्मी में कर्नल के पद पर थे।

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निर्णायक भूमिका में किया काम
तब अली अहमतद जलाली Afghan Resistance Headquarters के लिए शीर्ष सलाहकार की भूमिका भी निभा रहे थे। इतिहास देखें तो जलाली ने हर मुश्किल घड़ी में अफगानिस्तान के लिए निर्णायक काम किया है। Ashraf Ganiउन पर लोगों को बड़ा भरोसा है । 2004 के राष्ट्रपति चुनाव और 2005 में संसदीय चुनाव कराने में भी जलाली बड़ी भूमिका अदा कर चुके हैं । देश के इंटीरियर मंत्री रहते हुए जलाली ने अफगान नेशनल पुलिस की पूरी एक फौज खड़ी कर दी थी। इस फौज में करीब 50 हजार जवानों को ट्रेनिंग दी गई थी। इसके अलावा सीमा पुलिस के भी 12 हजार अतिरिक्त सैनिक तैयार किए गए थे। आतंकवाद से लेकर घुसपैठ तक जैसे पहलुओं पर जलाली सख्ती से निपटने में विश्‍वास रखते थे।

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जलाली ही बेहतर विकल्प
इन्‍ळीं वजहों से अफगानिस्तान के पास उनसे बेहतर विकल्प कोई औरtaliban नहीं माना जा रहा । हालांकि इस अंतरिम सरकार के लिए काम करना कितना मुश्किल होगा ये समझना ज्‍यादा कठिन नहीं है । क्‍या जलाली, अफगानिस्तान को वर्तमान दशहत और संघर्ष से मुक्त करा पाएंगे ये देखने वाली बात होगी।