अटल जी के बदौलत दोबारा सीएम बने थे कल्याण सिंह, दिलचस्प है 23 साल पुराना किस्सा
कल्याण सिंह- तारीख 21 फरवरी थी, यूपी के तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया था, प्रदेश की राजनीति में रातों-रात इतना बड़ा बदलाव के बाद विरोध के सुर उठे।
New Delhi, Aug 22 : पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह नहीं रहे, लेकिन उनके सियासी कारनामे हमेशा याद किये जाएंगे, साल 1991 में बीजेपी को यूपी की सत्ता तक पहुंचाने का बड़ा श्रेय कल्याण सिंह को ही जाता है, हिंदूवादी नेता की छवि के साथ आगे बढे सिंह भारत के सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रदेश के तीन बार सीएम बने, यूपी में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बनने की उपलब्धि भी कल्याण सिंह के नाम ही दर्ज है, हालांकि तमाम सियासी घटनाक्रमों के बीच 1998 का एक किस्सा हमेशा चर्चा में रहा, जहां उन्हें अपनी सीएम की कुर्सी गंवानी तो पड़ी, लेकिन अगले ही दिन दोबारा प्रदेश के मुखिया भी बन गये, आइये इस वाकये के बारे में आपको बताते हैं।
सरकार गिर गई है
करीब 23 साल पहले यानी साल 1998 में यूपी की सत्ता का नेतृत्व कर रहे कल्याण सिंह अमरोहा में थे, वो एक प्रत्याशी के लिये जनसभा को संबोधित कर रहे थे, कार्यक्रम के दौरान ही उन्हें फोन से खबर मिली, कि उनकी सरकार गिर गई है, कल्याण की सरकार में मंत्रिमंडल के सदस्य रहे कांग्रेस के जगदंबिका पाल को सीएम बनाने का फैसला लिया गया, रात करीब 10.30 बजे जगदंबिका पाल को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई।
अनशन का ऐलान
तारीख 21 फरवरी थी, यूपी के तत्कालीन राज्यपाल रोमेश भंडारी ने उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया था, प्रदेश की राजनीति में रातों-रात इतना बड़ा बदलाव के बाद विरोध के सुर उठे, मामला हाईकोर्ट तक पहुंचा, पूर्व पीएम अटल बिहार वाजपेयी भी राज्यपाल के फैसले के विरोध में सबसे आगे थे, उन्होने आमरण अनशन का ऐलान कर दिया, कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्यपाल के फैसले पर रोक लगा दी गई थी।
बदल दिये गये राज्यपाल
इस पूरे सियासी घटनाक्रम में 2 अहम मोड़ आये, पहला तो कोर्ट में सुनवाई के दौरान राज्यपाल को ही बदले जाने के आदेश जारी हो गये, दूसरी सीएम पद संभाल रहे जगदंबिका पाल बहुमत पेश नहीं कर सके, ऐसे में उन्हें पद छोड़ना पड़ा और यूपी की सत्ता के नेतृत्व की चाबी दोबारा कल्याण सिंह को मिल गई, कल्याण को दोबारा सीएम बनाने में वाजपेयी जी ने बड़ी भूमिका निभाई थी।