पंजशीर के करीब तालिबान, पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह बोले- अब खुदा ही मेरी रूह को यहां से निकालेगा

पूरा अफगानिस्तान तालिबान के कब्जे आ चुका है, बस पंजशीर घाटी बची है । हालांकि अब वो भी चारों ओर से लड़ाकों से घिर चुकी है । पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह ने ऐसे मौके पर भावुक बात कही है ।

New Delhi, Aug 24: तालिबान के लड़ाकों ने पंजशीर घाटी को चारों ओर से घेर लिया है, वो धीरे-धीरे घाटी के करीब पहुंचते जा रहे हैं । इस बीच पंजशीर में डटे अफगानिस्तान के उपराष्ट्रपति और स्वघोषित कार्यवाहक राष्ट्रपति अमरुल्ला सालेह दिवंगत अहमद शाह मसूद के बेटे अहमद मसूद के साथ मिलकर तालिबान को कड़ी चुनौती दे रहे हैं । सालेह ने साफ कर दिया है कि वो देश छोड़कर नहीं भागेंगे, वहीं अहमद मसूद भी युद्ध के लिए तैयार हैं ।

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सालेह ने कही भावुक करने वाली बात
पूर्व उपराष्ट्रपति सालेह ने तालिबान के आगे घुटने टेकने से इनकार करते हुए कहा- amrullah saleh ‘एक दिन सिर्फ अल्लाह ही मेरी रूह को यहां से निकालेंगे, लेकिन फिर भी मेरे अवशेष इसी मिट्टी से मिल जाएंगे।’ अमरुल्ला सालेह ने कहा- ‘चाहे कुछ भी हो जाए मैं तालिबानियों के सामने सिर नहीं झुकाऊंगा. सीने पर गोली खा लेंगे, लेकिन सिर नहीं झुकाएंगे।’

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नहीं हटेंगे सालेह
पूर्व उपराष्‍ट्रपति अमरुल्‍लाह सालेह की बातों से साफ है कि वो मुल्‍क छोड़कर नहीं भागेंगे और ना ही अपने जीते जी इसे तालिबान के हवाले करेंगे । ऐसे में एक सवाल सबके मन में है कि जब राष्ट्रपति अशरफ गनी amrullah saleh से लेकर कई वॉरलॉर्ड्स, अफगान लड़ाके सबकुछ छोड़कर भाग निकले हैं तो अमरुल्ला सालेह किसके दम पर इतना साहस दिखा रहे हैं । दरअसल इस सवाल का जवाब है पंजशीर घाटी, यह वो जगह है जहां के लोगों को तालिबान कतई मंजूर नहीं । Panjshir Valley (1) ये इलाका अफगान इतिहास के सबसे धाकड़ गुरिल्ला लड़ाके रहे अहमद शाह मसूद का पंजशीर प्रांत है ।

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अहमद शाह मसूद के बेटे हैं डटे
अहमद शाह मसूद को पंजशीर का शेर कहा जाता है, उनके बारे में कहा जाता है कि मसूद ने सोवियत संघ की तोपों की नाल को अपने जुनून के दम पर मोड़ दिया था । इसे अलावा अहमद शाह मसूद ने Panjshir Valley (3)अपनी गुरिल्ला तकनीक से तालिबान को काबुल में झुका दिया था । उनकी हत्या के बाद अब उनके बेटे अहमद मसूद लोगों को ट्रेनिंग दे रहे हैं । अहमद मसूद ने विदेशी मुल्‍कों से भी मदद मांगी है, उन्‍होंने कहा कि अफगानिस्तान को आतंक की धरती बनने से बचाने के लिए उनकी मदद करें ।