दिल्ली-NCR में इन 2 तरह की गाडि़यों पर लगा बैन, रोड पर दिखते ही हो जाएंगी सीज

दिल्ली परिवहन विभाग ने दिल्ली-एनसीआर के पुराने वाहन मालिकों को गाड़ी स्‍क्रैप करने के आदेश दे दिए हैं, अब इन दो तरह के वाहनों को सड़क पर लाना ही मुश्किल खड़ी करने वाला होगा ।

New Delhi, Sep 01: दिल्‍ली-एनसीआर में निजी वाहन चालक ये खबर गौर से पढ़ लें, अगर आप बहुत पुराने वाहनों पर अभी सफर कर रहे हैं तो आपके लिए मुश्किल हो सकती है । अपनी उम्र पूरी कर चुके पेट्रोल और डीजल से चलने वाली गाडि़यों पर दिल्ली परिवहन विभाग जल्द ही कार्रवाई शुरू करने वाला है । नए नियम के अनुसार राजधानी में अब 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल से चलने वाले वाहनों को चलाने की अनुमति नहीं है । यानी इन दो वाहनों पर पूरी तरह से बैन लगा दिया गया है ।

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पुराने वाहन मालिकों को चेतावनी
दिल्ली परिवहन विभाग अब जल्‍द ही एक बड़ा अभियान शुरू करने जा रहा है। traffic ethnol car (1)जिसके तहत पुराने वाहन मालिकों को एक बार फिर से अपने वाहन सड़क से हटा लेने की चेतावनी दी गई है। ऐसा न करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी । आपको बता दें दिल्ली सरकार के आदेश में नेशनल ग्रीन ट्राइब्यूनल के आदेश का हवाला दिया गया है, इसके साथ ही साल 2015 में जारी आदेश के बारे में भी बताया गया है। सरकार विज्ञापन के जरिए जनता को जागरूक करने की कोशिश में जुटी है ।

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सुप्रीम कोर्ट का आदेश
पुराने वाहनों को लेकर सुप्रीम कोर्ट अपने आदेश में पहले ही कह चुका है कि नियमों का उल्लंघन करने पर गाडि़यों को जब्त किया जा सकता है । ये आदेश को हाल ही में जारी स्क्रेपेज पॉलिसी से जोड़कर देखी जा रही है, जिसके तहत पुरानी गाड़ियों को सड़कों से हटाने को कहा गया है, जिनमें 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियां शामिल हैं । इस पॉलिसी में स्‍पष्‍ट है कि निजी गाड़ी 20 साल बाद और कमर्शियल गाड़ी को 15 साल बाद ऑटोमेटेड फिटनेस टेस्ट कराना होगा ।

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जब्‍त हो जाएगी गाड़ी
अब दिल्‍ली वाले ध्‍यान दें, अगर आपका डीजल वाहन 10 साल और पेट्रोल वाहन 15 साल की उम्र पूरी कर चुका है तो उसे स्क्रैप यानी समाप्त करा दें । गाड़ी सड़क पर निकालेंगे तो परिवहन विभाग की टीम उसे जब्‍त कर लेगी । वाहन स्क्रैप कराने के लिए परिवहन विभाग ने चार एजेंसियां अधिकृत की हैं, लेकिन लोग अभी गाडि़यां लेकर नहीं आ रहे हैं । लॉकडाउन से पहले हर महीने इन चारों एजेंसियों में कुल मिलाकर केवल 600 गाडि़यां ही स्क्रैप की हैं । आंकड़े बताते हैं कि अभी तक कुल तीन हजार वाहन ही स्क्रैप किए जा सके हैं। विभाग लगातार लोगों को जागरूक कर रहा है, कि ऐसे वाहन अब किसी काम के नहीं इन्‍हें स्‍क्रैप करवा दें ।