कैप्टन के सिपाहियों ने ही रची साजिश, सिद्धू ने दी हवा, और चली गई कुर्सी, जानिये Inside Story

कैप्टन सरकार से नाराज चल रहे इन बागी मंत्रियों ने 25 अगस्त को देहरादून में पार्टी प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात की थी, इस दौरान उन्होने कैप्टन पर आरोप लगाया था कि वो विपक्षी दल शिरोमणि अकील दल के साथ मिलकर कोई गुप्त योजना बना रहे हैं।

New Delhi, Sep 19 : पंजाब कांग्रेस में चल रहे विवाद के बीच सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह ने शनिवार को विधायक दल की मीटिंग से पहले पद से इस्तीफा दे दिया, कैप्टन के इस्तीफे के पीछे उनके ही कुछ साथियों की भूमिका मानी जा रही है, जिसमें उनकी सरकार के मंत्रियों की तिकड़ी, जिसमें तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा और सुखबिंदर सिंह सरकारिया प्रमुख हैं, कैप्टन का विरोध करने वाली इस टीम में चरणजीत सिंह चन्नी को छोड़ दें, तो बाकी तीनों को कैप्टन ने अपने कैबिनेट में चुना था, इनकी बगावत की आग को सिद्धू ने हवा दी और ये काम कर गई, नतीजन शनिवार को कैप्टन ने इस्तीफा दे दिया।

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रावत से मुलाकात
आपको बता दें कि कैप्टन सरकार से नाराज चल रहे इन बागी मंत्रियों ने 25 अगस्त को देहरादून में पार्टी प्रभारी हरीश रावत से मुलाकात की थी, इस दौरान उन्होने कैप्टन पर आरोप लगाया था कि harish rawat captain वो विपक्षी दल शिरोमणि अकील दल के साथ मिलकर कोई गुप्त योजना बना रहे हैं, बागी मंत्रियों ने अमरिंदर सिंह पर आरोप लगाया था कि वो गुरु ग्रंथ साहिब की बेअदबी करने वालों और इसे लेकर विरोध करने वाले 2 लोगों की मौत के दोषियों को गिरफ्तार करने में विफल रहे।

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वादे पूरे नहीं किये
उन्होने कहा कि 2017 चुनाव से पहले पंजाब से नशीली दवाओं के खात्मे को लेकर कैप्टन ने जो वादे किये थे, वो पूरा नहीं कर सके, कांग्रेस के बागी नेताओं ने कहा कि 2022 विधानसभा चुनाव से पहले इस हाल में वोटरों के पास जाना मुश्किल है, क्योंकि कांग्रेस सरकार जनता से किये अपने प्रमुख वादों को पूरा नहीं कर सकी है।

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सिद्धू की बड़ी भूमिका
बताया जा रहा है कि कैप्टन अमरिंदर सिंह के खिलाफ कांग्रेस हाईकमान को भड़काने में नवजोत सिंह सिद्धू ने बड़ी भूमिका निभाई, जिसके बाद कैप्टन की लगातार अनसुनी की गई, हाईकमान चाहती है कि nanjot singh sidhu पंजाब कांग्रेस उनके दखल में रहे, जबकि कैप्टन वन मैन ऑर्मी की तरह आगे बढ रहे थे, इसी वजह से उनकी बातों को अनसुना किया जाने लगा।