पहली कोशिश में IPS, फिर अगले प्रयास में बनी IAS, दिलचस्प है गरिमा की सक्सेस स्टोरी

गरिमा अग्रवाल- करीब डेढ साल तैयारी के बाद उन्होने अपना पहला प्रयास 2017 में दिया, पहली ही कोशिश में उन्हें 241वीं रैंक हासिल की, उन्हें आईपीएस मिला।

New Delhi, Sep 19 : यूपीएससी ने सीएसई 2022 के लिये प्रीलिम्स के एडमिट कार्ड जारी कर दिये हैं, ऐसे में अभ्यर्थियों ने बी तैयारी तेज कर दी है, यूपीएससी परीक्षा में हर साल लाखों बच्चे अपनी किस्मत आजमाते हैं, लेकिन सफलता चुनिंदा छात्रों को ही मिल पाती है, ऐसी ही एक कहानी है 2019 बैच की आईएएस अधिकारी गरिमा अग्रवाल की, जिन्होने अपने पहले ही प्रयास में यूपीएससी की परीक्षा पास की, आईपीएस के लिये चुनी गई, लेकिन इसके बावजूद उन्होने दूसरा प्रयास दिया और आईएएस बनने के सपने को पूरा किया।

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पढाई में होशियार
मूल रुप से एमपी के खरगोन की रहने वाली गरिमा अग्रवाल बचपन से ही पढाई में होशियार थी, शुरुआती शिक्षा खरगोन के सरस्वती विद्या मंदिर से हुई, IAS व्यवसायिक परिवार से नाता रखने के बावजूद गरिमा का मन पढाई में खूब रमता था, खरगोन के ही स्कूल से पढाई करते हुए उन्होने 10वीं में 92 प्रतिशत और 12वीं में 89 प्रतिशत अंक प्राप्त किये।

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इंजीनियरिंग
12वीं की पढाई के बाद गरिमा का मन इंजीनियरिंग की ओर गया, इसके बाद उन्होने ट्रिपल आईटी हैदराबाद से बीटेक किया, फिर वो इंटर्नशिप के लिये जर्मनी चली गई, उस दौरान उन्हें वहां नौकरी का भी ऑफर मिला, लेकिन वो यूपीएससी करना चाहती थी, वो देश वापस लौटकर यूपीएससी की तैयारी करने लगी।

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पहले ही प्रयास में सफलता
करीब डेढ साल तैयारी के बाद उन्होने अपना पहला प्रयास 2017 में दिया, पहली ही कोशिश में उन्हें 241वीं रैंक हासिल की, उन्हें आईपीएस मिला, लेकिन गरिमा का लक्ष्य आईएएस बनना था, हैदराबाद में आईपीएस की ट्रेनिंग के दौरान भी उन्होने अपनी तैयारी जारी रखी, अगले ही साल 2018 में दूसरा अटेम्प्ट दिया, इस बार उन्हें 41वीं रैंक मिली, जिसके साथ ही उनके आईएएस बनने का लक्ष्य पूरा हो गया। गरिमा अग्रवाल तेलंगाना कैडर की आईएएस हैं, वो वर्तमान में यदाद्रि भोंगीर की असिस्टेंट कलेक्टर हैं, गरिमा की बड़ी बहन प्रीति अग्रवाल भी 2013 में यूपीएससी परीक्षा पास की थी, वो भारतीय डाक सेवा में तैनात हैं।