आज से पितृ पक्ष शुरू, 15 दिनों तक भूलकर भी न करें इनमें से कोई भी काम

पितरों का याद कर उनकी आत्‍मा की शांति के लिए पूजा-पाठ का समय यानी कि श्राद्ध पर्व शुरू हो गया है । इस दौरान ऐसी कोई भी गलती न करें, जिससे पितृ नाराज हो जाएं।

New Delhi, Sep 20: भाद्रपद महीने की पूर्णिमा से श्राद्ध पक्ष की शुरुआत हो जाती है, इस प्रकार आज यानी 20 सितंबर 2021 से पितृ शुरू, श्राद्ध का महीना शुरू हो रहा है । अगले 15 दिनों तक हिंदू धर्म में अपने पूर्वजों को याद कर धार्मिक कार्यक्रम आदि किए जाएंगे । इस काल में उनकी आत्‍मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण, श्राद्ध कर्म किया जाता है, ताकि पूर्वजों का आशीर्वाद पाकर जिंदगी में सफलता, सुख-समृद्धि पा सकें । लेकिन इस समय गलती से भी की गई भूल अक्षम्‍य होती है । धर्म से जुड़े शास्‍त्रों में पितृ पक्ष को लेकर कुछ नियम बताए गए हैं, जिनका पालन जरूरी है ।

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पितृ पक्ष में ये काम भूलकर भी ना करें
श्राद्ध काल में ऐसी मान्‍यता है कि 15 दिनों में पूर्वज अपने परिजनों का हाल चाल जानने के लिए उनके पास धरती पर आते हैं, इसलिए इस काल में व्‍यक्ति को ऐसे काम ही करने चाहिए जिससे उनके पितृ प्रसन्‍न रहें। ये काम हैं – गलती से भी सूर्यास्‍त के बाद श्राद्ध न करें, ऐसा करना अशुभ माना गया है ।

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ध्‍यान रहे
बुरी आदतों, नशे, तामसिक भोजन से दूर रहें । पितृ पक्ष में कभी भी शराब-नॉनवेज, लहसुन-प्‍याज का सेवन नहीं करना चाहिए, इसके साथ ही लौकी, खीरा, सरसों का साग और जीरा भी नहीं खाना चाहिए । इस दौरान अपने पूर्वजों के प्रति सम्‍मान दिखाते हुए सादा जीवन जिएं, कोई भी शुभ कार्य इस काल में नहीं होते हैं ।

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इन बातों को भी ना भूलें
जो व्‍यक्ति पिंडदान, तर्पण आदि कर रहा है उसे अपने बाल और नाखून नहीं काटने चाहिए, इस काल में ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए । पितृ पक्ष में किसी भी पशु-पक्षी को न सताएं, उनकी सेवा के लिए घर के बाहर पानी भोजन रखें । ऐसा माना जाता है कि पूर्वज पशु-पक्षी के रूप में अपने परिजनों से मिलने आते हैं । ब्राह्राणों को भोजन कराएं, जरूरतमंदों की मदद करें । सामर्थ्‍य अनुसारी दान दक्षिणा करें ।