मनीष गुप्‍ता मर्डर की दिल दहला देने वाली दास्‍तान, आधी रात होटल के कमरे में जब घुसी थी पुलिस

गोरखपुर के उस होटल में उस रात ऐसा क्‍या हुआ । मनीष गुप्‍ता की हत्‍या अपने पीछे कई गंभीर सवाल छोड़ रही है । पुलिस की बर्बरता का ये ताजा उदाहरण दिल दहलाने वाला है ।

New Delhi, Oct 01: होटल का कमरा, 3 दोस्त और पुलिस की आधी रात हुई दस्तक, कौन जानता था कि अब मनीष गुप्‍ता की ये आखिरी होगी । 5 साल पहले गुड़गांव के रहने वाले अरविंद सिंह और प्रदीप कुमार से कानपुर के मनीष गुप्ता की दोस्ती हो गई थी । तीनों उस रात कमरे में एक साथ थे । मनीष गुप्ता पहले एक प्राइवेट बैंक में मैनेजर था, फिर शादी हुई बेटा हुआ और ये परिवार नोएडा में रहने लगा । लेकिन कोरोना में परिवार कानपुर लौट गया । मनीष यहीं प्रॉपर्टी का काम करने लगा । राजनीति में रुचि जगी तो 4 महीने पहले ही मनीष ने बीजेपी ज्‍वॉठन की ली ।

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गोरखपुर घूमने गए थे मनीष
अरविंद सिंह, प्रदीप कुमार और मनीष गुप्ता तीनों को ही कुछ दिन पहले गोरखपुर के बारे में पता चला था कि बढि़या जगह है । तीनों ने मिलकर वहां घूने की प्‍लानिंग कर ली । तीनों रामगढ़ताल थाना इलाके के कृष्‍णा पैलेस में ठहरे थे, सोमवार को वहां बोटिंग की और मंगलवार सुबह गोरक्षनाथ मंदिर जाने का प्रोग्राम बनाया था । देर शाम तीनों दोस्त होटल लौटे और सोने की तैयारी करने लगे । इस बीच मनीष गहरी नींच में सो गया । ये सभी कृष्‍णा पैलेस होटल के कमरा नंबर 512 में ठहरे हुए थे । तीनों को अपने दोस्‍त गोरखपुर के बढ़यापार निवासी चंदन सैनी और राणा प्रताप चंद से भी मिलना था ।

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रात 12.30 बजे 6 पुलिवालों ने दी दस्‍तक
रात के तब 12.30 बज रहे थे, जब उनके दरवाजे पर किसी ने दस्तक दी । प्रदीप और अरविंद ने दरवाजा खोला तो रामगढ़ताल थाने के थाना प्रभारी जेएन सिंह, सब्‍जी मंडी चौकी इंचार्ज अक्षय मिश्रा समेत छह पुलिसवाले उनके कमरे में दाखिल हुए और आईडी मांगी । इस पर अरविंद और प्रदीप ने कहा कि पहचान पत्र तो नीचे रिसेप्‍शन पर भी है, इस पर पुलिसकर्मी तैश में आ गए । मनीष तब तक सो रहा था । दोस्‍तों ने उसकी और अपनी तीनों की आईडी दिखा दी । लेकिन पुलिसवाले अब उन्‍हें नीचे चलने को कहने लगे । इस बीच मनीष की आंख भी खुल गई । पुलिसवालों का बर्ताव देखकर तीनों दोस्‍तों ने का कि वो कोई आतंकी नहीं हैं, जिस पर पुलिसवालों ने उन तीनों पर थप्‍पड़ बरसाने शुरू कर दिए । दो पुलिसवाले अरविंद और प्रदीप को लेकर नीचे चले आए वहीं कुछ देर बाद बाकी पुलिसवाले लिफ्ट से मनीष को नीचे घसीटते हुए लेकर आते दिखे । उसकी नाक और मुंह से खून बह रहा था ।

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मनीष गुप्‍ता की मौत
इतनी हैवानियत से कोई जानवर को भी नहीं पीटता होगा जैसे इन पुलिसवालों ने मनीष को पीटा था । उसे अधमरी हालत में पुलिसवाले पहले एक निजी अस्‍पताल लेकर पहुंचे फिर बीआरडी मेडिकल कालेज ले गए । यहां पता चला कि नीष की मौत हो गई है । आनन फानन में पुलिस ने मनीष के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया । जब इस बात का पता दोस्‍तों को लगा तो उन्‍होंने मनीष के परिवार में कॉल कर सारा हाल बताया । परिवार सदमे में आ गया । ये घटना पहले दिन लोक मीडिया में छाई रही, पुलिस ने भी केस रफा दफा करन की कोशिश की । लेकिन मंगलवार को मनीष गुप्ता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट ने पुलिस की करतूत को बेनकाब कर दिया ।

पुलिस ने करवाई योगी सरकार की किरकिरी
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में हैरान करने वाले खुलासे हुए, किस बेरहमी से उसे पीटा गया था वो सच सामने आ गया । इसके बाद मंगलवार को ही मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता ने एसएसपी गोरखपुर को एक प्रार्थना पत्र लिखकर न्‍याय की गुहार लगाई । मामला अब सबके सामने था, विपक्षी दलों तक भी ये खबर जा पहुंची और कानून व्‍यवस्‍था पर वाल उठने शुरू हो गए । हद तो तब हो गई जब पुलिस के आला अफसरों ने मनीष की पत्नी मीनाक्षी गुप्ता से मुलाकात की और उनसे अपनी शिकायत वापस लेने को कहा, ताकि उन 6 पुलिसवालों के घर ना बर्बाद हों । बहरहाल मीनक्षी अपने पति के लिए इंसाफ चाहती है वो लड़ाई में ना तो कमजोर पड़ेगी और ना ही चुप बैठेगी ।