सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत को लगाई फटकार, विरोध करने का हक लेकिन

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको विरोध करने का हक है, लेकिन राजमार्ग को रोककर लोगों को परेशान करने का हक नहीं है, आपके विरोध-प्रदर्शन की वजह से आम लोगों को कई परेशानियां उठानी पड़ रही है।

New Delhi, Oct 01 : कृषि कानूनों के खिलाफ पिछले एक साल से दिल्ली-एनसीआर में राष्ट्रीय राजमार्गों पर प्रदर्शन के चलते सुप्रीम कोर्ट ने किसान महापंचायत को फटकार लगाई है, दिल्ली के भीतर जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की मांग को लेकर दायर की गई याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने कहा, कि प्रदर्शन कर रहे किसान यातायात बाधित कर रहे हैं, ट्रेनों तथा राष्ट्रीय राजमार्गों को अवरुद्ध कर रहे हैं।

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क्या कहा
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपको विरोध करने का हक है, लेकिन राजमार्ग को रोककर लोगों को परेशान करने का हक नहीं है, आपके विरोध-प्रदर्शन की वजह से आम लोगों को कई परेशानियां उठानी पड़ रही है, COURT कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि विरोध-प्रदर्शन कर रहे किसानों ने लंबे समय से शहर का गला घोंट रखा है, अब शहर के भीतक आकर उपद्रव करना चाहते हैं।

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यातायात में रुकावट
जज एएम खानविलकर की अगुवाई वाली पीठ ने कहा कि विरोध प्रदर्शनों के चलते दिल्ली में आने-जाने वाले यातायात में रुकावट आई है, हर नागरिक को स्वतंत्र आवाजाही का अधिकार है, नाकेबंदी की वजह से व्यवसाय बंद हो गया है, क्या आपने विरोध स्थलों के आसपास के निवासियों से पूछा, कि वो विरोध प्रदर्शन से खुश हैं या नहीं।

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वकील ने क्या कहा
हालांकि किसान महापंचायत के वकील ने कोर्ट में कहा कि बैरिकेट्स किसानों ने नहीं बल्कि पुलिस ने लगाये हैं, वहीं जंतर-मंतर पर प्रदर्शन की इजाजत को लेकर कोर्ट ने किसान संगठन से कहा कि पहले आप हलफनामा दाखिल करें, हमें बताइये कि आपका तथा सीमाओं पर बैठे प्रदर्शनकारियों से कोई संबंध नहीं है।