कोयले की किल्लत पर केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री का बड़ा बयान, इन कंपनियों को गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार

बिजली मंत्रालय, बीएसईएस तथा टाटा पावर के अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद केन्द्रीय मंत्री ने कहा, कल शनिवार शाम को मुझे दिल्ली के उपराज्यपाल का फोन आया, उन्होने मुझे बताया कि दिल्ली के सीएम ने बिजली संकट को लेकर उन्हें लेटर लिखा है।

New Delhi, Oct 10 : देशभर में कोयले की कमी को लेकर अफरा-तफरी के बीच केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने नाराजगी जताई है, उन्होने कहा कि बिजली कंपनियां और राज्य सरकारें जबरदस्ती लोगों में दहशत फैला रही है, उन्होने कहा कि कंपनियों का ये व्यवहार गैर-जिम्मेदाराना है, आपको बता दें कि पिछले कुछ दिनों से दावा किया जा रहा है कि कोयले की कमी की वजह से कुछ राज्यों में ब्लैक आउट की नौबत आ सकती है, कहा ये भी जा रहा है कि पावर प्लांट्स को जरुरत के मुताबिक कोयला नहीं मिल रहा है।

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मंत्री ने दी चेतावनी
केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को गेल तथा टाटा पावर को गैर- जिम्मेदाराना व्यवहार के खिलाफ चेतावनी दी, आपको बता दें कि कंपनी ने कहा था कि देश में कोयले का भंडरा अगले सिर्फ 4-5 दिनों के लिये बचा है, इसी बयान पर आरके सिंह ने नाराजगी जाहिर की है।

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एलजी का फोन
बिजली मंत्रालय, बीएसईएस तथा टाटा पावर के अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद केन्द्रीय मंत्री ने कहा, कल शनिवार शाम को मुझे दिल्ली के उपराज्यपाल का फोन आया, उन्होने मुझे बताया कि दिल्ली के सीएम ने बिजली संकट को लेकर उन्हें लेटर लिखा है, दिल्ली में बिजली आपूर्ति मांग के मुताबिक है, और भविष्य में भी की जाएगी। दहशत को बिना किसी आधार के बताते हुए मंत्री ने कहा ये मुद्दा इसलिये शुरु हुआ, क्योंकि गेल ने दिल्ली डिस्कॉम को एक मैसेज भेजा, जिसमें उन्होने कहा कि ये अनुबंध समाप्त होने के कारण आपूर्ति बंद करने जा रहे हैं, आरके सिंह ने कहा मैंने निर्देश दिया है कि आपूर्ति किसी भी हाल में बंद नहीं होनी चाहिये, कहीं कोई संकट नहीं है, ये एक अनावश्यक संकट है।

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गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार
आरके सिंह ने गेल और टाटा पावर के गैर जिम्मेदाराना व्यवहार की भी आलोचना की, साथ ही आश्वासन दिया, कि देश के पास अभी भी 4-5 दिनों का रिजर्व है, उन्होने कहा कि हमारा कोयला स्टॉक बनाया जा रहा है, चिंता की कोई बात नहीं है, लोगों को पता होना चाहिये, कि हम लगातार हालात पर नजर रख रहे हैं, ये स्थिति इसलिये है, क्योंकि मांग में वृद्धि हो रही है, डिमांड ज्यादा है, इसका मतलब है कि आर्थिक विकास हो रहा है। आपको बता दें कि पिछले दिनों चीन में ब्लैक आउट की नौबत आ गई थी, वहां हालात को संभालने के लिये कई फैक्ट्री और स्कूल को बंद करने पड़े थे, भारत में कोयले से चलने वाले 135 पावर प्लांट है, देश की 70 फीसदी बिजली यहीं से आपूर्ति होती है, सेंट्रल ग्रीड ऑपरेटर के डेटा के अनुसार यहां फिलहाल तीन दिनों से कम का स्टॉक बचा है।