पिता बनाते थे पंक्चर, मां बेचती थीं चूड़ियां, IAS बेटे की ज़मीन पर बैठी ये तस्वीर लूट रही दिल
बुजुर्ग के साथ ज़मीन पर बैठकर बात करते खिलखिलाकर हंसते एक IAS अफसर की तस्वीरें वायरल हो रही हैं । लोग इनकी सादगी की खूब चर्चा कर रहे हैं ।
New Delhi, Oct 22: सोशल मीडिया पर एक शख्स की बुजुर्ग के साथ बैठकर हंसते, बात करते हुए तस्वीरें जमकर वायरल हो रही हैं । लेकिन बुजुर्ग के साथ बैठे इस शख्स के बारे में जब सबको पता लगा तो लोग हैरान रह गए । दरअसल ये तस्वीरें IAS रमेश घोलप की हैं, जिन्होंने खुद अपने ट्विटर अकाउंट से इन्हें शेयर किया था । लोग उनके इस सादगी भरे अंदाज पर फिदा हो गए और उनकी जमकर तारीफ करने लगे । तस्वीरों में देखा जा सकता है कि घोलप अपनी इनोवा कार से बाहर आकर एक बुजुर्ग के साथ ज़मीन पर बैठकर बड़े मज़े से बातें कर रहे हैं ।
तस्वीरों को अधिकारी ने दिया शानदार कैप्शन
IAS रमेश घोलप सोशल मीडिया पर एक्टिव रहते हैं, उन्होंने अपनी इन तस्वीरों को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा है- “तज़ुर्बा है मेरा मिट्टी की पकड़ मजबृत होती है, संगमरमर पर तो हमने पाँव फिसलते देखे हैं।” फोटो पर अबतक करीब हजारों लाइक्स आ चुके हैं । लोग कमेंट के जरिए आईएएस की सादगी की तारीफ कर रहे हैं । रमेश जहां गाड़ी से बाहर आकर बुजुर्ग से बात कर रहे हैं तो वहीं उनके साथ जो बॉडीगार्ड थे वो कार के अंदर ही बैठे हैं । इस तस्वीर ने लोगों का दिल जीत लिया है ।
रमेश घोलप का संघर्ष
महागांव के रामू यानी रमेा घोलप ने अपने जीवन में बेइंतहा गरीबी देखी है । आईएएस अधिकारी रमेश घोलप के पिता गोरख घोलप साइकिल पंक्चर बनाने की दुकान चलाते थे। जबकि मां विमल देवी चूड़ियां बेचा करती थीं। रमेश खुद भी कभी पिता तो कभी मां के काम में हाथ बंटाया करते थे। रमेश ने गांव के सरकारी स्कूल से ही शुरुआती पढ़ाई की है । साल 2005 में जब वो 12वीं कक्षा में थे तब पिता की मौत हो गई। इसके बाद रमेश ने शिक्षक के रूप में नौकरी की । मां चाहती थी बेटा बड़ा अफसर बने तो उन्होंने यूपीएससी की तैयारियां शुरू कर दी। वर्ष 2012 में रमेश घोलप 287वीं रैंक के साथ झारखंड कैडर के आईएएस अफसर बन गए।
जनता से जुड़े अधिकारी
रमेश घोलप ने कोडरमा डीसी के रूप में भी काम किया है, मराठी मूल के रमेश घोलप झारखंड कैडर के जाने माने आईएएस अधिकारी हैं। कोडरमा डीसी के पद से ट्रांसफर होने के बाद रमेश घोलप ने ट्विटर हैंडल पर लिखा कि ‘कोडरमा डीसी के पद से तबादला हो गया है। पोस्टिंग के दौरान पद और जनता को न्याय देने का प्रयास रहा।सहयोग के लिए आमजनों, जनप्रतिनिधि, वरीय पदाधिकारी, जिले के अधिकारी, कर्मी, प्रेस के साथियों का आभार। पिछले दो साल बेहतरीन समय था। कठिन समय में लोगों की सेवा का मौका देने के लिए सरकार को धन्यवाद ।
"तज़ुर्बा है मेरा मिट्टी की पकड़ मजबुत होती है,
संगमरमर पर तो हमने पाँव फिसलते देखे हैं।"#माझी_गावाकडची_माणसं #बप्पा #मेरा_गांव #जन्मभूमी pic.twitter.com/zuOxLEICSO— Ramesh Gholap IAS (@RmeshSpeaks) October 18, 2021