करवा चौथ पर भूलकर भी ना करें ये गलतियां, 8 साल बाद अद्भुत संयोग, जानिये चांद निकलने का समय

सुहागिनों को इस दिन कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिये, सुहाग सामाग्री चूड़ी, लहठी, बिंदी, सिंदूर आदि कचरे के डब्बे में नहीं फेंकना चाहिये, इतना ही नहीं अगर चूड़ी पहनते समय टूट भी जाए, तो उसे संभालकर पूजा स्थल पर रख दें।

New Delhi, Oct 24 : करवा चौथ रविवार 24 अक्टूबर को है, इस बार 8 सालों के बाद खास संयोग बन रहा है, रोहिणी नक्षत्र तथा मंगल योग एक साथ आ रहा है, चंद्रमा के साथ प्रिय पत्नी रोहिणी के साथ रहना अद्भुत संयोग का निर्माण कर रहा है, साथ ही रविवार का दिन काफी शुभ संयोग माना जा रहा है।

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शुभ संयोग
ज्योतिष के जानकार पं. मोहन कुमार दत्त मिश्र ने बताया कि ये व्रत कार्तिक कृष्ण पक्ष चतुर्थी चंद्रउदय व्यापिनी को किया जाता है, दिन भर उपवास के बाद सुहागन महिलाएं शिव और चंद्रमा को अर्ध्य प्रदान कर पति को दीर्घायु की कामना करेंगी, इस बार चंद्रमा के साथ रोहिणी नक्षत्र का साथ और मार्कण्डेय यज्ञ तथा सत्यभावा योग का निर्माण काफी शुभ फलदायक है, ऐसा संयोग भगवान श्रीकृष्ण और सत्यभावा के समय भी बना था, शास्त्रों के मुताबिक करवाचौथ का व्रत सुहागिनों के लिये सबसे महत्वपूर्ण व्रत माना जाता है, ये व्रत महिलाएं अपने पति की लंबी आयु की कामना के लिये करती हैं, महिलाएं पूरे दिन व्रत रखकर रात में चलनी से चांद को देखती हैं, अर्ध्य देकर अपना व्रत खोलती हैं, परंपरा है कि इस मौके पर सुहागन पति के हाथ से ही पानी ग्रहण करती हैं।

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शुभ मुहूर्त
करवाचौथ की प्रातःकाल सूर्य की उपासना एवं संध्या चंद्रमा की उपासना करने का विधान है, रविवार को चंद्रमा का उदय रात्रि 8.05 बजे होगा, सुहागन महिलाएं शिव परिवार की पूजा के साथ चंद्रमा को अर्ध्य देंगी, इस बार 8.58 तक सर्वार्थ सिद्धि योग और रात्रि 9 बजे से 11 बजे के बीच तक याचीज योग बन रहा है।

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इन बातों का रखें ध्यान
सुहागिनों को इस दिन कुछ बातों का ध्यान भी रखना चाहिये, सुहाग सामाग्री चूड़ी, लहठी, बिंदी, सिंदूर आदि कचरे के डब्बे में नहीं फेंकना चाहिये, इतना ही नहीं अगर चूड़ी पहनते समय टूट भी जाए, तो उसे संभालकर पूजा स्थल पर रख दें, सबसे खास बात ये है कि अपने मन में पति के अलावा किसी भी अन्य पुरुष का किसी भी तरह का कोई विचार ना लाएं, साथ ही इस दिन किसी भी सुहागन को बुरा-भला करने की गलती बिल्कुल भी नहीं करनी चाहिये।

पूजा विधि
करवाचौथ के दिन ब्रह्म मूहूर्त में उठ कर स्नान करने के बाद स्वच्छ कपड़े पहन कर करवा की पूजा अराधना कर उसके साथ ही शिव-पार्वती की पूजा का भी विधान है, क्योंकि माता पार्वती ने कठिन तपस्या कर शिवजी को प्राप्त कर अखंड सौभाग्य प्राप्त किया था, इसलिये शिव पार्वती की पूजा की जाती है।