लद्दाख: -40 डिग्री में भी चीन की हर चाल भारतीय सेना करेगी ध्वस्त, मोदी सरकार ने कर दी बड़ी तैयारी

कुल्‍फी जमा देने वाली ठंड में भारतीय जवान गर्मजोशी से हौसले के साथ डटे रहे इसके लिए मोदी सरकार ने बड़ी राहत की तैयारी की है । पूरी खबर आगे पढ़ें ।

New Delhi, Oct 29: पूर्वी लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले इलाकों में पारा इतना नीचे चले जाता है कि खून भी जम जाए, ऐसे में हमारे जवान वहां मोर्चा संभाले पड़ोसी की हर चाल को भांपने के लिए तैनात रहते हैं। जवानों को कड़कड़ाती ठंड से राहत देने के लिए अब मोदी सरकार ने भी पूरी तैयारी कर ली है । भारतीय सेना के जवानों को अब कंपकंपाती ठंड ज्यादा परेशान नहीं कर सकेगी ।

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सरकार का सेना के लिए विशेष इंतजाम
भारत और चीन के बीच सीमा पर तनाव तेज होने के साथ ही जवान और ज्‍यादा मुश्‍तैद हो गए हैं । अब केंद्र सरकार ने 17000 फीट की ऊंचाई और माइनस 40 डिग्री वाले इस कठिन मोर्चे पर भारतीय सेना के जवानों के लिए ऑल वेदर सोलर टेंट तैनात करने का फैसला किया है । केंद्र सरकार ने ऑल वेदर और हाई अल्टीट्यूड वाले सोलर पावर टेंट को मंजूरी दे दी है, जो 17,000 फीट की ऊंचाई पर तैनात किए जा सकते हैं।

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टेंट की खासियत
इन सोलर टेंट की खासियत होगी कि ये सोलर टेंट शून्य से माइनस 35 डिग्री से माइनस 40 डिग्री से अधिक तापमान के बीच भी काम कर सकते हैं। मीडया रिपोर्ट के मुताबिक भारत-तिब्बत सीमा पुलिस की ओर से यह सुझाव दिया गाया था, जो कि पिछले चार वर्षों से विचाराधीन थे। लेकिन पिछले साल पूर्वी लद्दाख में भारत-चीन गतिरोध के बाद इस सुझाव पर काम करना शुरू कर दिया गया था । मामले के जानकार अधिकारियों के मुताबिक आईटीबीपी कुछ ठिकानों पर अभी सोलर टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रहा है, लेकिन सौर ऊर्जा से चलने वाले टेंट उन्हें बहुत अधिक ऊंचाई पर उप-शून्य तापमान बनाए रखने में मदद करेंगे।

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की जा रही है अतिरिक्‍त व्‍यवस्‍था
लद्दाख में काराकोरम दर्रे से लेकर अरुणाचल प्रदेश के जचेप ला तक भारत-चीन सीमा पर लगभग 180 सीमा चौकियां हैं। सरकार की ओर से हिमालयी सीमा पर लंबी दूरी की गश्त के दौरान राशन, रसद और आईटीबीपी कर्मियों के ठहरने के लिए एक जगह उपलब्ध कराने के लिए अतिरिक्त 47 सीमा चौकियों और 12 शिविरों का निर्माण किया जा रहा है। सेना के एक अधिकारी ने बताया कि अधिक चौकियों की स्थापना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि ये चौकियां अत्यधिक बर्फ और ठंड के दौरान छोड़े नहीं जाते हैं। अभी शुरुआत में लगभग 50 ऐसे ऑल वेदर टेंट देने की योजना है, जिनमें तापमान 21 डिग्री सेल्सियस पर बनाए रखा जा सकेगा । ये टेंट 150 किमी से अधिक की हवा की गति का सामना करने में भी सक्षम होगा।