साढ़े पांच लाख के इनामी डकैत गौरी यादव का खेल खत्म, चित्रकूट में STF ने मार गिराया

कुख्यात डकैत गौरी यादव को मार गिरा चित्रकूट में एसटीएफ ने बड़ी कामयाबी पाई है । यूपी के साथ मध्‍यप्रदेश पुलिस भी यादव की तलाश में थी ।

New Delhi, Oct 30: यूपी की एसटीएफ टीम ने चित्रकूट में आज तड़के साढ़े 3 बजे के करीब कुख्‍यात इनामी डकैत गौरी यादव को मार गिराया है । यूपी के साथ मध्यप्रदेश पुलिस के लिए सिरदर्द बन चुका कुख्यात डकैत गौरी एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया । ADG अमिताभ यश की अगुवाई में चित्रकूट में STF को बड़ी कामयाबी मिली। गौरी यादव पर उत्तर प्रदेश और मध्यप्रदेश की तरफ से साढ़े 5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था। एसटीएफ को मौके से एके-47 समेत कई असलहे बरामद हुए हैं।

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ददुआ और ठोकिया के बाद आता था नाम
गौरी यादव का नाम ददुआ और ठोकिया के बाद आता था । ये उनके जितना ही खौफनाक था । बीहड़ में इसका बड़ा नाम बन चुका था। डकैत गौरी यादव काफी लंबे समय से अंडरग्राउंड चल रहा था। अभी चार महीने पहले ही अचानक इसने चित्रकूट के जंगलों में फायरिंग कर दहशत फैला दी थी। जिसके बाद से इसे पकड़ने के लिए जाल बिछाया जाने लगा था । करीब 20 साल पहले डकैती की दुनिया में एंट्री करने वाले गौरी यादव ने 2005 में अपना अलग गैंग बनाया था। 2008 में ददुआ और कुछ दिन बाद ठोकिया के मारे जाने के बाद 2009 में गौरी यादव भी गिरफ्तार हो गया था। लेकिन फिर वो जमानत पर बाहर आ गया था।

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5.50 लाख का था सिर पर ईनाम
चित्रकूट जिले के फरार डकैत गौरी यादव के सिर पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सरकार ने इस साल जुलाई में संयुक्त रूप से साढ़े पांच लाख रुपये का इनाम घोषित किया था। डकैत पर उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में हत्या, अपहरण, फिरौती और सरकारी काम में बाधा डालने के लगभग 50 से ज्‍यादा मामले दर्ज थे। गौरी चित्रकूट जिले के बहिलपुरवा थाना क्षेत्र के बेलहरी गांव का रहने वाला था। उसकी तलाश में पिछले काफी समय से कई पुलिस टीमें लगी थीं।

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पुलिस पर किया था हमला
पुलि इसे तब से और जल्‍दी पकड़ना चाहती थी जब इसने दारोगा सहित तीन लोगों को गोलियों से भून दिया था । दरअसल डकैत गौरी यादव ने मई 2013 में दिल्ली से मामले की जांच करने पहुंचे दारोगा की हत्या कर दी थी। इसके बाद उसने मई 2016 में गोपालगंज में तीन ग्रामीणों को खंभे से बांधकर गोलियों से भून डाला था । उत्तर प्रदेश के तत्कालीन डीजीपी जावेद अहमद ने गौरी पर एक लाख रुपए का इनाम तभी घोषित कर दिया था ।