दिवाली मनाने के लिये पीएम मोदी ने नौशेरा को ही क्यों चुना? जानिये बेहद खास वजह, Inside Story

सामरिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत के लिये रणनीतिक रुप से काफी अहम इस सीमावर्ती इलाके से प्रधानमंत्री मोदी पाक को कड़ा संदेश देना चाहते थे, ऐसे में उन्होने इस बार नौशेरा जाकर दिवाली मनाई।

New Delhi, Nov 05 : 2014 में सत्ता में आने के बाद पीएम मोदी भारतीय सीमा की सुरक्षा में लगे सेना के जवानों संग दिवाली मनाते आये हैं, 4 नवंबर 2021 को भी नरेन्द्र मोदी जम्मू-कश्मीर में सीमावर्ती राजौरी जिले के नौशेरा सेक्टर पहुंचे थे, जवानों को मिठाई खिलाकर उन्हें शुभकामनाएं दी, वहीं पिछले साल मोदी दिवाली पर सियाचीन गये थे।

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क्यों है खास
सामरिक विश्लेषकों का मानना है कि भारत के लिये रणनीतिक रुप से काफी अहम इस सीमावर्ती इलाके से प्रधानमंत्री मोदी पाक को कड़ा संदेश देना चाहते थे, Narendra Modi1 ऐसे में उन्होने इस बार नौशेरा जाकर दिवाली मनाई. दरअसल पाक की नजर नौशेरा इलाके पर हमेशा थी, 1948 में पाक इस जगह को हथियाने की कोशिश में था, लेकिन उस दौरान बिग्रेडियर मोहम्मद उस्मान की वजह से पाक अपने मंसूबों में कामयाब नहीं हो सका।

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भारत के हाथ से निकल जाता
आपको बता दें कि ब्रिगेडियन उस्मान नहीं होते, तो साल 1948 में ही नौशेरा भारत के हाथ से निकल जाता, भारतीय सैन्य इतिहास में ब्रिगेडियन उस्मान वीर गति पाने वाले अब तक के सबसे सीनियर सैन्य अधिकारी हैं, kashmir army नौशेरा में जिस जगह पर दुश्मन देश के गोले से वो शहीद हुए थे, उसी चट्टान पर उनका स्मारक बना हुआ है, आज भी उन्हें नौशेरा का शेर कहा जाता है, ब्रिगेडियन उस्मान का दुश्मन खेमे में इतना खौफ था कि पाकिस्तानी सेना ने उन पर 50 हजार का ईनाम रखा हुआ था।

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मोदी ने क्या कहा
वैसे नौशेरा का इतिहास शहादत से भरा हुआ है, यहां पीएम मोदी ने जवानों को संबोधित करते हुए उनकी तारीफ की, उन्होने तमाम शहीदों को याद करते हुए ब्रिगेडियन मोहम्मद उस्मान का जिक्र कई बार किया, मोदी ने नौशेरा सेक्टर के जवानों से कहा, मैं अपने परिवार के सदस्यों के साथ दीपावली मनाना चाहता हूं, इसलिये मैं इस त्योहार पर आपसे मिलने आया हूं, उन्होने जवानों के साहस की सराहना करते हुए कहा, कि उनकी क्षमताओं और ताकत ने देश में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित की है। इस दौरान पीएम मोदी ने सर्जिकल स्ट्राइक में यहां की बिग्रेड द्वारा निभाई गई भूमिका की भी तारीफ की, आपको बता दें कि भारत ने जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में एक सैन्य अड्डे पर आतंकवादी हमले के जवाब में नियंत्रण रेखा (एलओसी) के पार 29 सितंबर 2016 को सर्जिकल स्ट्राइक किया था।