दाऊद इब्राहिम भी था जिसके हुक्म का गुलाम, मुंबई पर राज करने वाली पहली महिला डॉन की कहानी

कहा जाता है कि दाऊद इब्राहिम कभी लेडी डॉन जेनाबाई दारुवाला के इशारे पर नाचता था, इतना ही नहीं मुंबई के चर्चित डॉन हाजी मस्तान भी कभी इस महिला डॉन की बातों को मानने से इंकार नहीं करते थे।

New Delhi, Nov 09 : मुंबई बम धमाकों का आरोपित दाऊद इब्राहिम सालों से भारत से भागा हुआ है, लेकिन आज हम जिस डॉन की बात कर रहे हैं, वो दाऊद की भी गुरु कही जाती हैं, एक समय में इस डॉन की नाफरमानी दाउद भी नहीं करता था, जी हां, हम बात कर रहे हैं मुंबई की पहली महिला डॉन जेनाबाई दारुवाला की, आइये इसके बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।

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दाऊद भी इशारों पर नाचता था
कहा जाता है कि दाऊद इब्राहिम कभी लेडी डॉन जेनाबाई दारुवाला के इशारे पर नाचता था, इतना ही नहीं मुंबई के चर्चित डॉन हाजी मस्तान भी कभी इस महिला डॉन की बातों को मानने से इंकार नहीं करते थे, मशहूर पत्रकार तथा लेखक हुसैन जैदी ने अपनी किताब माफिया क्वींस ऑफ मुंबई में जेनाबाई के बारे में बताया है, जेनाबाई का जन्म मुसलमान मेमन हलाई परिवार में हुआ था, जेनाबाई उर्फ जैनब अपने 6 भाई-बहनों में से एक थीं।

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गरीब परिवार से नाता
मुंबई के डोंगरी इलाके में रहने वाले इस परिवार की आर्थिक हालत ज्यादा अच्छी नहीं थी, बताया जाता है कि कम उम्र में ही जेनाबाई की शादी हो गई, शादी के बाद उनके पति से रिश्ते अच्छे नहीं रहे, लिहाजा उनका पति अपने 5 बच्चों को छोड़कर पाकिस्तान चला गया, अपराध की दुनिया में आने तथा जेनाबाई से जेनाबाई दारुवाला बनने की कहानी भी काफी दिलचस्प है। dawood ibrahim2 कहा जाता है कि जेनाबाई पैसे कमाने के लिये सबसे पहले चावल बेचने के धंधे से जुड़ी, इसके बाद धीरे-धीरे चावल की स्मगलिंग करने लगी, कई दिनों तक चावल के धंधे में हेरा-फेरी करने के बाद भी जेनाबाई को इस धंधे में नुकसान हो गया, जिसके बाद वो अवैध शराब के धंधे में उतरी, डोंगरी में जेनाबाई दारु बनाती और बेचती थी, जेनाबाई का ये धंधा काफी चला, इस धंधे से उसने पैसे खूब कमाये, धीरे-धीरे वो इस धंधे में इतनी कामयाब हुई कि मुंबई और डोंगरी पर राज करने लगी और इसी धंधे ने उन्हें नया नाम दिया जेनाबाई दारुवाली।

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मुंबई की माफिया क्वीन
70 के दशक तक जेनाबाई मुंबई की माफिया क्वीन बन चुकी थी, अंडरवर्ल्ड की दुनिया में जेनाबाई से पूछे बगैर या सलाह-मशविरा किये बगैर कोई भी काम नहीं होता था, इस दुनिया में अपना नाम बनाने की कोशिश कर रहा दाऊद इब्राहिम भी उस समय जेनाबाई दारुवाला के हुक्म को कभी टाल नहीं पाता था, इस माफिया क्वीन को हाजी मस्तान, वरदराजन मुदलियार, करीम लाला और दाउद इब्राहिम मासी के नाम से बुलाते थे।