जानें, कौन हैं कलियुग के ‘राम’ पद्मश्री मोहम्मद शरीफ जिन्हें मोदी-योगी ने भी किया सलाम

रामनगरी अयोध्या के मोहम्मद शरीफ को पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित किया गया है, क्‍या आप जानते हैं उन्‍हें कलियुग का राम कहा जाता है । पढ़ें विस्‍तार से ।

New Delhi, Nov 10: अयोध्‍या, रामनगरी के रहने वाले मोहम्‍मद शरीफ को उनकी समाज सेवा के लिए देश के चौथे सर्वोच्‍च नागरिक पुरस्‍कार से सम्‍मानित किया गया है । शरीफ को कलियुग का राम कहा गया है । जब आप उनके बारे में जानेंगे तो आप भी उनके आगे खुद को नतमस्‍तक करने से रोक नहीं पाएंगे । शरीफ को लावारिश लाशों का मसीहा कहा जाता है । दरअसल वो एक ऐसे काम को करते हैं जिसे करने से पहले लोग लाखों बार सोचते होंगे ।

Advertisement

25000 से ज्यादा शवों का कर चुके हैं अंतिम संस्कार
अयोध्या के खिड़की अलीबेग क्षेत्र में रहने वाले मोहम्मद शरीफ एक संयुक्त परिवार में रहते हैं । 20 लोगों के इस परिवार में वो घर के बड़े हैं । उनकी पत्नी बिब्बी खातून और इनके पुत्र मोहम्मद अशरफ मकैनिक व मोहम्मद सगीर ड्राइवर का काम करते हैं । समाज के लिए एक नेक काम की मिसाल रखने वाले मोहम्मद शरीफ खुद के साथ हुई एक घटना से दुखी रहते हैं । इसी वजह से उन्‍होंने कुछ ऐसा करने का ठाना जो उन्‍हें सुकून देता है ।

Advertisement

बेटे की मौत का है गम
दरअसल मोहम्‍मद शरीफ के बड़े बेटे मोहम्मद रईस की 28 साल में डेथ हो गई थी । इस गम से उबरने के लिए उन्‍होंने खुद को समाज कार्य में लगा दिया । उन्होंने लावारिश लाशों को ही अपना पुत्र मानकर अंतिमसंस्कार करना शुरू कर दिया । शरीफ अब तक करीब 25000 से ज्यादा लावारिस शवों का अंतिम संस्कार कर चुके हैं। इसी वजह से वो पूरे देश में चर्चा मे रहे और सरकार ने उन्हें पद्मश्री अवार्ड से सम्मानित करने का भी निर्णय लिया ।

Advertisement

एकता की हैं मिसाल
मोहम्‍मद शरीफ को 30 जनवरी 2020 को पद्मश्री अवार्ड के लिए चयनित होने के लिए पत्र मिला था । 20 मार्च को उन्‍हें इसके लिए दिल्ली जाना था लेकिन कोरोना महामारी के कारण तब ये कार्यक्रम स्‍थगित हो गया । Mohammad sharifइसके बाद उनकी तबीयत खराब हो गई और वो चलने में असमर्थ हो गए । राष्‍ट्रपति भवन में वो सम्‍मान लेने के लिए भी व्‍हीलचेयर पर ही पहुंचे थे । शरीफ के बेटे मोहम्मद सगीर को अपने वालिद पर गर्व है । उन्‍होंने भारत सरकार का भी धन्‍यवाद किया ।