बिना चुनाव लड़े ही ‘विधायक’ बन गये थे मुलायम सिंह यादव, दिलचस्प है किस्सा

मुलायम सिंह यादव यूपी के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं, नेताजी के नाम से मशहूर वो यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री बने, देश के रक्षा मंत्री भी रहे, कहा जाता था कि वो प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गये।

New Delhi, Jan 24 : यूपी के चुनाव बेहद नजदीक हैं, तारीखों का ऐलान हो चुका है, वैसे तो विधानसभा चुनाव पांच राज्यों में है, लेकिन सबसे ज्यादा निगाहें उत्तर प्रदेश पर लगी है, खैर ऐसा पहली बार नहीं है, हमेशा से ही यूपी की सियासत पर देश की नजर रहती है, इस प्रदेश ने कई बड़े नेता दिये, आज ऐसे ही एक नेताजी की बात करते हैं, जिससे जुड़ा एक किस्सा कमाल का है, क्योंकि वो बिना चुनाव लड़े ही विधायक बन गये थे।

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ये है मामला
मुलायम सिंह यादव यूपी के बड़े नेताओं में गिने जाते हैं, नेताजी के नाम से मशहूर वो यूपी के तीन बार मुख्यमंत्री बने, देश के रक्षा मंत्री भी रहे, कहा जाता था कि वो प्रधानमंत्री बनते-बनते रह गये, mulayam singh yadav1 लेकिन एक समय ऐसा भी था, जब मुलायम बिना चुनाव लड़े ही विधायक बन गये थे, इसके पीछे का किस्सा बेहद रोचक है।

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छात्र राजनीति
दरअसल मुलायम सिंह यादव जब कॉलेज में पढते थे, तब से ही छात्र राजनीति में छा गये थे, उनके साथी और दोस्त उन्हें विधायक कह कर पुकारने लगे थे, उस समय वो इटावा के केके कॉलेज में पढते थे, यहीं से उन्होने ग्रेजुएशन की, फिर सोशलिस्ट पार्टी की विचारधारा से प्रभावित होकर छात्र राजनीति में आये, वो छात्रसंघ चुनाव लड़े और जीते, इस दौरान उन्होने नाम की राजनीति नहीं की, बल्कि खूब काम भी किया, वो छात्रों की हर समस्या को दूर करने में जुटे रहते थे, उनकी संपर्क भी अच्छा हो गया था, उनके दोस्त कॉलेज के अंदर और बाहर उनके नाम पर काम करवा लेत थे, जब तभी से मुलायम सिंह यादव का जलवा देख दोस्त उन्हें एमएलए पुकारने लगे थे।

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1967 में बने असली एमएलए
हालांकि दोस्तों का मुलायम सिंह यादव को एमएलए पुकारना बेकार नहीं गया, वो 1967 में जसवंतनगर सीट से चुनाव लड़े और जीते भी, इसके बाद उन्होने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा, सीएम की कुर्सी तक पहुंचे, फिलहाल नेताजी मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी के संरक्षक हैं, उनके बेटे अखिलेश यादव भी यूपी के सीएम रह चुके हैं, उनकी पार्टी मौजूदा सत्तारुढ बीजेपी को टक्कर दे रही है।