कुर्बानी भी नहीं आई काम, स्वामी प्रसाद मौर्य की सीट को इस नेता ने बना लिया था ‘नाक’ का सवाल

स्वामी प्रसाद मौर्य की परंपरागत सीट पडरौना विधानसभा है, लेकिन आरपीएन सिंह के बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होने अपनी सीट की कुर्बानी दे दी।

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New Delhi, Mar 10 : यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजे एक के बाद एक आ रहे हैं, चुनाव से ठीक पहले योगी कैबिनेट से इस्तीफा देकर सपा की साइकिल पर सवार होने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य को पाला बदलना महंगा पड़ गया, फाजिलनगर सीट से स्वामी चुनाव हार गये हैं, बीजेपी के मौजूदा विधायक गंगा सिंह कुशवाहा के बेटे सुरेन्द्र कुशवाहा ने उन्हें हरा दिया है, यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि स्वामी इससे पहले पडरौना सीट से विधायक थे, लेकिन इस बार उन्होने अपना सीट बदला था।

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परंपरागत सीट छोड़ी
स्वामी प्रसाद मौर्य की परंपरागत सीट पडरौना विधानसभा है, लेकिन आरपीएन सिंह के बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्होने अपनी सीट की कुर्बानी दे दी, पडरौना के राजकुमार के नाम से मशहूर आरपीएन सिंह जैसे ही कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए, स्वामी ने तुरंत अपनी सीट बदल ली, क्योंकि ऐसा माना जा रहा था कि पडरौना सीट भी स्वामी के लिये सेफ नहीं रह गई थी, इसी वजह से उन्होने फाजिलनगर को चुना, लेकिन यहां भी जीत हासिल नहीं कर सके, फाजिलनगर से पिछले दस साल से बीजेपी के गंगा सिंह कुशवाहा विधायक हैं, हालांकि इस बार पार्टी ने उनके बेटे को उतारा था।

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आरपीएन ने हराया था
ऐसा कहा जाता है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने पडरौना सीट इसलिये छोड़ी थी, क्योंकि 2009 लोकसभा चुनाव में आरपीएन सिंह ने उन्हें हराया था, 2009 में आरपीएन ने बसपा से चुनाव लड़ रहे स्वामी प्रसाद मौर्य क ही हराया था, Swami 1 कहा ये भी जाता है कि स्वामी पडरौना से कई बार से विधायक थे, इस वजह से एंटी इनकंबेंसी से बचने के लिये उन्होने अपनी सीट बदल ली थी, लेकिन फाजिलनगर की जनता ने स्वामी को नकार दिया, राजनीतिक गलियारों में ये भी चर्चा है कि फाजिलनगर सीट आरपीएन सिंह ने अपनी नाक का सवाल बना लिया था, उन्होने वहां जीतोड़ मेहनत की।

बसपा और बीजेपी में भी रह चुके हैं स्वामी
स्वामी प्रसाद मौर्य ने अपनी राजनीति की शुरुआत लोकदल से की थी, प्रतापगढ जिले के मूल निवासी 68 वर्षीय स्वामी बसपा के प्रदेश अध्यक्ष, विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और मायावती की सरकार में मंत्री रह चुके हैं, वो दो बार रायबरेली के ऊंचाहार, तथा तीन बार कुशीनगर के पडरौना सीट से विधायक रहे, मौर्य 2017 विधानसभा चुनाव से पहले बसपा छोड़ बीजेपी में शामिल हुए, चुनाव जीते और योगी सरकार में मंत्री बन गये। लेकिन इस बार फिर बीजेपी छोड़ सपा में शामिल हो गये, लेकिन इस बार दांव उल्टा पड़ गया। आपको बता दें कि कोइरी जाति पश्चिमी यूपी के आगरा से लेकर कुशीनगर तक अच्छी संख्या में है, यूपी में स्वामी प्रसाद मौर्य कोईरी समाज के बड़े नेता के रुप में जाने जाते हैं, लेकिन 2016 में बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बनने तथा 2017 में डिप्टी सीएम बनने के बाद केशव प्रसाद मौर्य भी इस बिरादरी के बड़े नेता बन गये हैं।