यूपी – करारी हार का खामियाजा भुगतेगी बसपा और कांग्रेस, विधानसभा में गंवाना पड़ सकता है ऑफिस

विधानभवन में राजनीतिक दलों को उनके विधायकों की संख्या के अनुसार ऑफिस आवंटन होता है, इस बार कई ऐसे दल सामने आये हैं, जिनकी संख्या कांग्रेस और बसपा के विधायकों की संख्या से ज्यादा है।

New Delhi, Mar 16 : यूपी विधानसभा चुनाव के नतीजों का असर अब विधान भवन स्थित राजनीतिक पार्टियों के ऑफिसों के आवंटन पर भी पड़ेगा, चुनावों में दो तथा एक सीट पर सिमटी कांग्रेस और बसपा से उन्हें आवंटित बड़े-बड़े ऑफिस छिन सकते हैं, दरअसल विधानभवन में राजनीतिक दलों को उनके विधायकों की संख्या के अनुसार ऑफिस आवंटन होता है, इस बार कई ऐसे दल सामने आये हैं, जिनकी संख्या कांग्रेस और बसपा के विधायकों की संख्या से ज्यादा है, लिहाजा उन्हें बड़ा ऑफिस आवंटित होगा।

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दूसरे दलों को मिलेंगे बड़े ऑफिस
विधानसभा के विशेष सचिव बृज भूषण दूबे ने बताया कि नियम अनुसार ज्यादा विधायकों वाले दल को बड़े ऑफिस आवंटित होते हैं, mayawati जिन दलों के विधायकों की संख्या बहुत कम होती है, उन पर विधानसभा अध्यक्ष अपने विवेक से फैसला लेते हैं, न्यूनतम संख्या के बारे में फिलहाल कोई नियम प्रचलन में नहीं है।

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रालोद है उदाहरण
इस बार चुनाव में जयंत चौधरी का पार्टी राष्ट्रीय लोकदल के 8 विधायक जीते हैं, 2017 में उनकी पार्टी से सिर्फ 1 विधायक थे, इसलिये उन्हें ऑफिस आवंटित नहीं किया गया था, रालोद के अलावा 6 विधायक वाली निषाद पार्टी को भी नया ऑफिस आवंटित होगा।

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छोटा ऑफिस
हालांकि कहा जा रहा है कि बसपा और कांग्रेस को संभवतः छोटा ऑफिस विधानसभा अध्यक्ष आवंटित कर सकते हैं, राजा भैया की पार्टी जनसत्ता दल को भी इसी आधार पर कार्यालय उपलब्ध हो सकता है, priyanka-gandhi-3 (1) पिछले विधानसभा चुनाव के बाद सुभासपा और अपना दल (सोनेलाल) को भी कार्यालय आवंटित किया गया था, जो इस बार भी बरकरार रहेगा।