इस खिलाड़ी पर तुरंत लगाओ प्रतिबंध, पिच के आस-पास भी नहीं आने देना चाहिये, भड़के रवि शास्त्री

रवि शास्त्री ने कहा कि ये काफी चिंता का विषय है, ये हंसने लायक बात नहीं है, अगर ये घटना आज होती, तो उस खिलाड़ी पर तुरंत बैन लगा दिया जाता, उसे तुरंत ही रिहैब भेजना चाहिये।

New Delhi, Mar 11 : राजस्थान रॉयल्स के स्पिन गेंदबाज युजवेन्द्र चहल ने जब खुद के 15वीं मंजिल से लटकाये जाने का किस्सा सबके सामने रखा, तो मानो क्रिकेट को जेंटलमैन गेम के संदर्भ में भूचाल आ गया, अत्यंत गंभीर ये मुद्दा जबरदस्त चर्चा में है, हालांकि चहल ने इस खिलाड़ी का नाम नहीं लिया है, लाजिमी मसले में सभी की प्रतिक्रिया सामने आने लगी है, सहवाग के बाद अब रवि शास्त्री ने भी इस मसले पर अपनी राय रखी है, कहा कि खिलाड़ी कोई भी हो, उसे बैन कर देना चाहिये।

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क्या कहा
टीम इंडिया के पूर्व मुख्य कोच रवि शास्त्री ने चहल को 15वीं मंजिल से लटकाने के मामले में कहा कि खिलाड़ी को बैन कर देना चाहिये, ravi shastri उन्होने इस मसले पर बेबाकी से अपनी राय रखी है, उन्होने कहा कि मुझे नहीं पता कि वो कौन खिलाड़ी था, जो ऐसी हरकत कर रहा था।

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हंसने लायक बात नहीं
शास्त्री ने कहा कि ये काफी चिंता का विषय है, ये हंसने लायक बात नहीं है, अगर ये घटना आज होती, ravi shastri तो उस खिलाड़ी पर तुरंत बैन लगा दिया जाता, उसे तुरंत ही रिहैब भेजना चाहिये, और जीवन भर क्रिकेट पिच के आस-पास भी नहीं आने देना चाहिये।

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क्या कहा था चहल ने
चहल ने बताया था कि 2011 में मुंबई इंडियंस के चैंपियन लीग जीतने के बाद एंड्रयू साइमंड्स और जेम्स फ्रेंकलिन चहल के पास आये, वो होश में इतने ज्यादा गुम थे, कि उन्होने चहल के हाथ-पैर बांध दिये थे और मुंह पर टेप भी लगा दिया था, जिसके बाद दोनों मस्ती मजाक के चक्कर में उनके साथ मस्ती में बैठे,  वो इतने नशे में थे, कि चहल को खोलना ही भूल गये, chahal जिसके बाद सुबह होटल के कर्मचारी सफाई करने आये, तो चहल को खोला था। इसके साथ ही उन्होने ये भी बताया कि 2013 में वो मुंबई इंडियंस का हिस्सा थे, तो बंगलुरु में मैच के बाद एक गेट टुदेगर पार्टी में नशे में एक खिलाड़ी ने उन्हें 15वीं मंजिल से लटका दिया था, जिसके बाद वहां लोगों ने उन्हें बचाया था, इसके साथ उन्होने उस खिलाड़ी का गर्दन पकड़ लिया था, अगर उनका ग्रिप छूटता, तो वो सीधे नीचे आ जाते, जिसके बाद लोगों ने स्थिति को संभाला था। जब उनकी जान जाते-जाते बची थी।