यूपी के इस जिले में किसानों की चांदी, MSP से ज्यादा मिल रही कीमत

शाहजहांपुर की मंडियां हमेशा से ही गेहूं की खरीद में पूरे प्रदेश में अव्वल रही है, सरकारी क्रय केन्द्र हमेशा से ही किसानों को मुनाफा दिलाता रहा है, लेकिन इस बार सरकारी रेट से कहीं ज्यादा रेट किसानों को प्राइवेट व्यापारी दे रहे हैं।

New Delhi, Apr 22 : रुस-यूक्रेन युद्ध तथा केन्द्र सरकार के गेहूं निर्यात के फैसले के चलते शाहजहांपुर में गेहूं की कीमतें लगातार बढती ही जा रही है, गेहूं निर्यात की खबर आते ही प्राइवेट कंपनियां लगातार मंडियों में किसानों का गेहूं खरीद रही है, तो वहीं दूसरी ओर आटा मिलों में किसानों की भीड़ दिखाई पड़ रही है, प्राइवेट कंपनियों के गेहूं खरीदने की वजह से सरकारी गेहूं क्रय केन्द्रों पर सन्नाटा पसरा है।

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किसान खुश
हैरान करने वाली बात ये है कि अप्रैल में अभी तक 3240 मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो पाई है, ऐसे में किसानों को एमएसपी से ज्यादा रेट मिलने से किसान खुश नजर आ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर प्राइवेट कंपनियां किसानों की खून पसीने की कमाई में से मोटी रकम बनाने की जुगाड़ में लगे हुए हैं।

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पूरे प्रदेश में अव्वल
शाहजहांपुर की मंडियां हमेशा से ही गेहूं की खरीद में पूरे प्रदेश में अव्वल रही है, सरकारी क्रय केन्द्र हमेशा से ही किसानों को मुनाफा दिलाता रहा है, लेकिन इस बार सरकारी रेट से कहीं ज्यादा रेट किसानों को प्राइवेट व्यापारी दे रहे हैं, किसानों का गेहूं हाथों-हाथ 2130 रुपये प्रति कुंतल की दर से बिक रहा है। वहीं दूसरी ओर आटा मिलों में रोजाना किसान अपना गेहूं बेच रहे हैं, किसानों का कहना है कि यदि इसी तरीके से उनकी उपज का दाम ज्यादा मिलता रहे, तो ना सिर्फ उनके लागत मूल्य से ज्यादा पैसा मिलने से मुनाफा होगा, बल्कि ये कारोबार और भी तरक्की करने लगेगा।

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सरकारी क्रय केन्द्रों पर सन्नाटा
यूक्रेन-रुस युद्ध की वजह से जहां विदेशी कंपनियां भारत सरकार से गेहूं मांग रही है, तो वहीं भारत सरकार ने भी गेहूं निर्यात करने का फैसला कर लिया है, जिसके चलते प्राइवेट कंपनियां गेहूं खरीद के लिये सक्रिय हो गई है,  जिसके चलते मंडियों में किसानों का गेहूं हाथों-हाथ खरीदा जा रहा है, मंडियों में किसानों का गेहूं 2130 रुपये प्रति कुंतल खरीदा जा रहा है, जबकि सरकारी रेट 2015 रुपये ही है, ऐसे में किसानों को इस बार सरकारी केन्द्रों के चक्कर नहीं लगाने पड़ रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर सरकारी क्रय केन्द्र सूने पड़े दिख रहे हैं, जिले में अप्रैल महीने में अभी तक 2150 मीट्रिक टन ही गेहूं की खरीद हो पाई है।