कांग्रेस में शामिल नहीं होंगे प्रशांत किशोर, बनते-बनते बिगड़ गई बात, ये है अंदरुनी कहानी
प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल होने के लिये, तथा पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिये जो फॉर्मूला रखा है, उसे स्वीकारना कांग्रेस के लिये आसान नहीं था, इस पर मुहर दरअसल कांग्रेस और गांधी परिवार के भविष्य को लेकर बड़ा जोखिम उठाने जैसा था।
New Delhi, Apr 27 : चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ पीके की कांग्रेस में एंट्री की महीनों से चल रही अटकलों पर आखिरकार विराम लग गया है, पीके ने खुद ट्वीट कर कांग्रेस में शामिल होने के ऑफर को ठुकराने का ऐलान कर दिया है, प्रशांत के तेवर और कांग्रेस की कार्यशैली को समझने वाले लोगों को इस घटनाक्रम से बिल्कुल भी हैरानी नहीं है।
कांग्रेस का पुर्नजन्म
दरअसल प्रशांत किशोर ने कांग्रेस में शामिल होने के लिये, तथा पार्टी को पुनर्जीवित करने के लिये जो फॉर्मूला रखा है, उसे स्वीकारना कांग्रेस के लिये आसान नहीं था, इस पर मुहर दरअसल कांग्रेस और गांधी परिवार के भविष्य को लेकर बड़ा जोखिम उठाने जैसा था, जिसके लिये ना तो गांधी परिवार राजी था, ना ही पार्टी के दूसरे नेता। पीके ने मंगलवार को ट्वीट कर बताया मैंने एम्पावर्ड एक्शन ग्रुप 2024 का हिस्सा बनने, पार्टी में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने के कांग्रेस के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है, मेरी राय में पार्टी की अंदरुनी समस्याओं को ठीक करने के लिये कांग्रेस को मुझसे ज्यादा लीडरशिप और मजबूत इच्छाशक्ति की आवश्यकता है।
ज्यादा सुधार की जरुरत
कांग्रेस नेता रणदीप सूरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने एम्पावर्ड एक्शन कमेटी 2024 का गठन किया, पीके को जिम्मेदारी देते हुए ग्रुप में शामिल होने के लिये आमंत्रित किया, लेकिन उन्होने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया, हम पार्टी को दिये गये उनके प्रयासों और सुझावों की सराहना करते हैं। पीके की बात से साफ है कि कांग्रेस में अभी बहुत ज्यादा सुधार की जरुरत है, यहां तक कि वो खुद इसके लिये अपने आप को कम मान रहे हैं, उनका मानना है कि पार्टी में नेतृत्व के अलावा बहुत कमियां हैं, जिन्हें ठीक करने की आवश्यकता है। वहीं पीके को पार्टी में शामिल करने के लिये कांग्रेस तैयार थी, लेकिन दोनों के बीच बात बनते-बनते बिगड़ गई।
पीके को चाहिये फ्री हैंड
कांग्रेस पीके के फॉर्मूले, रणनीतिक कौशल और चुनाव प्रबंधन का पूरा लाभ तो लेना चाहती है, लेकिन उन्हें अपनी कार्ययोजना लागू करने के लिये आजादी नहीं देना चाहती है, जिसकी पीके को दरकार थी, माना जा रहा है कि कांग्रेस चाहती है कि पीके पार्टी में शामिल होकर अन्य नेताओं की तरह सीमित भूमिका और सीमित अधिकारों के साथ काम करें, जबकि पीके अपने काम में किसी भी तरह के हस्तक्षेप या बदलाव स्वीकार करने के मामले में एक इंच भी पीछे हटने को तैयार नहीं हैं, कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने इस बात से साफ इंकार किया था, प्रशांत किशोर अगर पार्टी में शामिल होते हैं, तो उनहें कोई विशेष ट्रीटमेंट नहीं दिया जाएगा।
पीके का ट्वीट
प्रशांत किशोर ने ट्विटर पर लिखा, मैंने कांग्रेस में शामिल होने और चुनावों की जिम्मेदारी लेने के कांग्रेस के उदार प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया है, साथ ही उन्होने ये भी कहा कि मेरी विनम्र राय है कि परिवर्तनकारी सुधारों के माध्यम से गहरी जड़े जमाने वाली समस्याओं को ठीक करने के लिये पार्टी को मुझसे ज्यादा नेतृत्व और सामूहिक इच्छा शक्ति की जरुरत है।
I declined the generous offer of #congress to join the party as part of the EAG & take responsibility for the elections.
In my humble opinion, more than me the party needs leadership and collective will to fix the deep rooted structural problems through transformational reforms.
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 26, 2022