जन सुराज होगा प्रशांत किशोर की पार्टी का नाम, पीके का बड़ा ऐलान, जानिये क्या कहा?

अपने ट्वीट में पीके ने इस बात के भी संकेत दे दिये, कि वो बिहार से अपने सक्रिय राजनीतिक जीवन की शुरुआत करेंगे, अपनी खुद की पार्टी बनाकर, जिसका नाम होगा जन सुराज।

New Delhi, May 02 : कांग्रेस में शामिल होने का ऑफर ठुकराने के बाद वादे के अनुसार चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने अपने राजनीतिक भविष्य को लेकर बड़ी घोषणा कर दी है, उन्होने कहा था कि वो 2 मई तक अपने अगले कदम के बारे में जानकारी दे देंगे, उन्होने आज सुबह एक ट्वीट के जरिये सक्रिय राजनीति में उतरने के संकेत दिये हैं, पीके ने अपने ट्वीट में लिखा, लोकतंत्र में एक सार्थक भागीदार बनने और जन-समर्थक नीति को आकार देने में मदद करने के लिये मैंने उतार-चढाव से भरी 10 साल की यात्रा का नेतृत्व किया, अब मैं अपेने जीवन का नया अध्याय शुरु कर रहा हूं, समय असली मालिक यानी जनता के पास जाने का है, लोगों से जुड़े मुद्दों और जन सुराज के मार्ग को बेहतर ढंग से समझने के लिये जनता का सुशासन लाने के लिये शुरुआत, बिहार से।

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बिहार से शुरुआत|
अपने ट्वीट में पीके ने इस बात के भी संकेत दे दिये, कि वो बिहार से अपने सक्रिय राजनीतिक जीवन की शुरुआत करेंगे, अपनी खुद की पार्टी बनाकर, जिसका नाम होगा जन सुराज। Prashant Kishor पीके एक दशक में बीजेपी, कांग्रेस, टीएमसी, जदयू, वाईएसआर कांग्रेस, डीएमके समेत कई अन्य दलों के लिये सफल चुनावी रणनीति तैयार कर चुके हैं, वो कुछ समय के लिये जदयू में बतौर उपाध्यक्ष शामिल भी रहे, लेकिन फिर पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मनमुटाव के बाद उन्हें पार्टी से बाहर कर दिया गया, जिसके बाद कहा गया कि वो टीएमसी या कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं, लेकिन पीके ने किसी दूसरे राजनीतिक दल में शामिल होने के बजाय अपनी पार्टी खड़ी करने का फैसला लिया है।

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कब लांच होगी पार्टी
पीके की राजनीतिक पार्टी कब लांच होगी, इस बारे में फिलहाल कोई जानकारी नहीं है, लेकिन जल्द ही वो अपनी पार्टी लांच करेंगे, ऐसे संकेत मिल रहे हैं, पीके से जुड़े करीबी सूत्रों के अनुसार उनकी पार्टी पूरी तरह से आधुनिक होगी, डिजिटल होगी और जनसंपर्क करने के लिये नये तकनीक के साथ लांच होगी। आपको बता दें कि पीके का जन्म 1977 में बिहार के बक्सर जिले में हुआ था, Prashant-Kishor उनकी मां यूपी के बलिया जिले की है, तो पिता डॉक्टर थे, उनकी पत्नी का नाम जाह्नवी दास है, जो असम के गुवाहाटी में डॉक्टर हैं, पीके और जाह्नवी का एक बेटा भी है।

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मोदी के साथ काम
पीके 34 साल की उम्र में यूएन की नौकरी छोड़कर 2011 में गुजरात के तत्कालीन सीएम नरेन्द्र मोदी की टीम के साथ जुड़े थे, राजनीति में ब्रैंडिंग और इमेज मेकिंग का दौर पीके का ही शुरु किया हुआ है, modi_prashant  बीते 10 सालों में भारत में चुनाव प्रचार का तरीका पूरी तरह से बदल गया है, जिसमें पीके की बड़ी भूमिका रही है, जनसंपर्क का तरीका नायाब है, वो पब्लिक मूड को कैप्चर करने में माहिर हैं, पीके को बीजेपी की उन्नत मार्केटिंग और विज्ञापन अभियान जैसे कि चाय पे चर्चा, 3डी रैली, रन फॉर यूनिटी, होलोग्राम एड्रेस, मंथन का क्रेडिट दिया जाता है, वो इंडियन पॉलिटिकल एक्शन कमेटी (आई पैक) नाम का संगठन चलाते हैं, ये संगठन लीडरशिप, सियासी रणनीति, मैसेज कैम्पेन और भाषणों की ब्रैंडिंग करता है।