IAS पूजा सिंघल के खिलाफ कैसे तैयार हुआ कार्रवाई का खाका? 1 दिन पहले ही ईडी ने जमा लिया था डेरा

छापेमरी को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने ट्वीट कर लिखा, झारखंड सरकार यानी सीएम हेमंत सोरेन जी के नाक की बाल पूजा सिंघल जी, जिन्होने मुख्यमंत्री, भाई, गुर्गो और दलालों को कौड़ी के भाव खान आवंटित किया।

New Delhi, May 07 : आईएएस अफसर पूजा सिंघल के बीस ठिकानों पर ईडी टीम की छापेमारी जारी है, मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक आईएएस पूजा के रांची के अलावा मुजफ्फरपुर (बिहार) के ठिकानों पर भी ईडी छापेमारी कर रही है, रांची में पंचवटी रेसीडेंसी, ब्लॉक नंबर 9, चांदनी चौर हरिओम टावर, नई बिल्डिंग, लालपुर और रांची के पल्स हॉस्पीटल पर छापा पड़ा है, जानकारी के मुताबिक केन्द्रीय एजेंसी की ये कार्रवाई रामविनोद सिन्हा से जुड़े मामले में हो रही है, पूरा मामला मनरेगा घोटाले का है, रामविनोद खूंटी में जूनियर इंजीनियर थे, तब पूजा सिंघल खूंटी की डीसी थी, झारखंड हाईकोर्ट ने मामले में आदेश दिया था कि ईडी इस मामले में काउंटर एफिडेविट करे।

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बीजेपी सांसद का ट्वीट
छापेमरी को लेकर बीजेपी सांसद निशिकांत दूबे ने ट्वीट कर लिखा, झारखंड सरकार यानी सीएम हेमंत सोरेन जी के नाक की बाल पूजा सिंघल जी, जिन्होने मुख्यमंत्री, भाई, गुर्गो और दलालों को कौड़ी के भाव खान आवंटित किया, आखिर उनके यहां ईडी का छापा 20 जगह पर चल रहा है, ये छापा रांची, दिल्ली, राजस्थान और मुंबई में जारी है, बता दें कि आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल उद्योग एवं खनन विभाग के सचिव हैं, आईएएस अधिकारी पर अवैध खनन का आरोप है।

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हाईकोर्ट में याचिका
आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल जेएसएमडीसी के अध्यक्ष तथा खान सचिव दोनों पदों पर पदस्थापित थी, जिसके खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी, COURT दोनों पदों पर उनकी नियुक्ति को नियम के खिलाफ बताते हुए किसी एक से हटाने का आग्रह किया या था, इस संबंध में भूमि सुधार मंच ने जनहित याचिका दायर की है।

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याचिका में क्या कहा गया
याचिका में कहा गया कि पूजा सिंघल उद्योग सचिव पद पर तैनात है, माइनिंग विभाग की भी सचिव है, जेएसएमडीसी की चेयरमैन भी है, प्रार्थी का कहना है कि जेएसएमडीसी से पारित आदेश की अपीलीय अधिकार खनन सचिव के पास होता है, court अगर दोनों ही पदों पर एक व्यक्ति पदस्थापित रहेगा तो अपील करने वालों को न्याय नहीं मिल सकेगा, प्रार्थी के वकील के अनुसार 2007-08 में झारखंड हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एक आदेश पारित कर कहा था कि जेएसएमडीसी के चेयरमैन पद पर वैसे अधिकारी की नियुक्ति की जानी चाहिये, जो स्वतंत्र प्रभार में हो।