New Delhi, May 11 : शनिदेव को न्याय का देवता कहा जाता है, शनिदेव का अभी अप्रैल के आखिर में राशि परिवर्तन हुआ है, वो कुंभ राशि में गोचर कर चुके हैं, लेकिन अब शनि इसी राशि में रहकर वक्री होंगे, शनि के वक्री होने का मतलब है कि शनि विपरीत चाल चलेंगे, शनि एक बार में नहीं बल्कि दो चरणों में कुंभ राशि में जा रहे हैं। शनि 12 जुलाई तक कुंभ राशि में रहेंगे और जुलाई में वक्री चाल चलेंगे, अब कुंभ राशि में वक्री होकर 141 दिन तक इसी तरह रहेंगे और सभी राशियों को प्रभावित करेंगे, शनि के वक्री होने से अक्टूबर तक कुछ राशि के लिये अच्छा समय नहीं है, इसलिये इस समय का सही इस्तेमाल करें, शनि की अराधना और उपाय करते रहें।
मेष- इस राशि के जातकों को शनि का वक्री होना परेशान कर सकता है,
कर्क- इस राशि के जातकों को भी उनके कर्म के अनुसार ही शनिदेव फल देंगे,
सिंह – इस राशि के जातकों के लिये शनि वक्री होकर स्वाभाव में बदलाव ला सकते हैं,
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