मोदी सरकार के पिछले 8 साल का  Report Card, जानिए- कितने ‘अच्छे दिन’ आए?

केन्‍द्र की मोदी सरकार को सत्‍ता में 8 साल पूरे होने को हैं । इन आठ सालों में बीजेपी नेतृत्‍व की सरकार ने क्‍या कुछ किया, आइए आगे जानते हैं ।

New Delhi, May 25: प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्‍द्र मोदी को 8 साल पूरे हो गए हैं । 26 मई 2014 को पहली बार मोदी ने देश के प्रधानमंत्री पद की शपथ ली थी । इन 8 सालों मोदी ने देश की छवि तो बदली ही है, साथ ही कई ऐसे कदम भी उठाए हैं जिसने भारत को आत्‍मनिर्भर बनाया है । लेकिन इन 8 सालों में अर्थव्यवस्था से लेकर शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य से लेकर कृषि, विज्ञान से लेकर चिकित्‍सा के क्षेत्र में क्‍या कुछ बदला, महंगाई के फ्रंट पर सरकार का क्‍या हाल रहा, आगे जानिए ।

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साल 2013, सितंबर 13 …. ये ही वो तारीख थी जब बीजेपी के दिल्‍ली दफ्तर में पहली बार नरेन्‍द्र मोदी का नाम देश के प्रधानमंत्री के रूप में बतौर उम्‍मीदवार बीजेपी की ओर से नामित किया गया था । तब राजनाथ सिंह Narendra Modi1बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे, और उन्‍होंने मोदी के नाम के ऐलान के साथ कहा था कि पूरे देश की जनता की भावना को देखते हुए पार्टी ने ये फैसला लिया है कि नरेन्‍द्र मोदी बीजेपी का चेहरा होंगे । मोदी, ‘बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार’ और ‘हम मोदी जी को लाने वाले हैं, अच्छे दिन आने वाले हैं’ जैसे नारों के साथ 2014 का लोकसभा चुनाव प्रचंड बहुमत से जीत गए । 2019 में भी मोदी ने ये करिश्‍मा दोहराया । पहली बार 282 तो वहीं दूसरी बार 303 सीटों से जीत दर्ज की । मोदी सरकार को अब देश की सत्ता पर काबिज हुए 8 साल हो गए हैं, इन 8 सालों में देश के हालात कितने बदले, क्‍या अच्‍छे दिन आए ।

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अर्थव्यवस्था
भारत की अर्थव्‍यवस्‍था में कोरोना काल के दो साल अहम रहे हैं । जब पीएम मोदी 2014 में प्रधानमंत्री बने थे  तब भारत की जीडीपी 112 लाख करोड़ रुपये के आसपास थी । आज भारत की जीडीपी 232 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा बताई जा रही है । मोदी ने 2025 तक भारत की जीडीपी 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने का टारगेट रखा है । मोदी सरकार में आम आदमी की कमाई में इजाफा देखा जा रहा है, पहले आम आदमी की सालाना आय 80 हजार रुपये से भी कम थी, अब ये 1.50 लाख रुपये से ज्यादा बताई जा रही है । हालांकि भारत में अब भी 80 करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी का जीवन जी रहे हैं ।
देश में विदेशी मुद्रा भंडार ढाई गुना तक बढ़ा है । इसके अलावा पीएम का ‘मेक इन इंडिया’ नारा फिलहाल इंडा नजर आ रहा है, भारत अब भी एक्सपोर्ट से ज्यादा इम्पोर्ट करता है । मोदी सरकार में विदेशी कर्ज भी बढ़ा है, आंकड़े बताते हैं कि हर साल औसतन 25 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज भारत पर बढ़ा है । 2014 से पहले देश पर करीब 409 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज था, जो अब बढ़कर डेढ़ गुना यानी करीब 615 अरब डॉलर तक पहुंच गया है।

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नौकरियां
नौकरियों को लेकर मोदी सरकार में भी कुछ खास नहीं हुआ, उल्‍टा बेरोजगारी दर बढ़ी है । कोरोना काल में तो आम जन कुछ ज्‍यादा ही नौकरियों से त्रस्‍त हो गाया । बेरोजगारी के आंकड़ों पर नजर रखने वाली संस्था सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी के मुताबिक, वर्तमान में करीब 40 करोड़ लोगों के पास रोजगार है । जबकि 2014 में 43 करोड़ लोगों के पास रोजगार था । 2019 के चुनाव के बाद सरकार के ही एक सर्वे में बताया गाया था कि देश में बेरोजगारी दर 6.1% पहुंच गई है । ये आंकड़ा 45 साल में सबसे ज्यादा था ।  सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, मोदी सरकार के आने से पहले देश में बेरोजगारी दर 3.4% थी, जो इस समय बढ़कर 8.7% हो गई है ।

शिक्षा
देश के विकास में शिक्षा पर काम करना बहुत जरूरी है । मोदी सरकार में शिक्षा का बजट तो बढ़ा लेकिन इतना नहीं जिसकी चर्चा हो । 8 साल में शिक्षा पर खर्च 20 हजार करोड़ रुपये ही बढ़ा है, चिंता वाली बात ये कि देश में 9 हजार स्कूल भी कम हो गए हैं । आंकड़ों के अनुसार मोदी सरकार के आने से पहले देश में 15.18 लाख स्कूल थे, जो अब घटकर 15.09 लाख हो गए हैं । देश में अभी भी करीब 30 फीसदी महिलाएं और 15 फीसदी पुरुष अनपढ़ हैं । इसके अलावा, 10 में से 6 लड़कियां 10वीं से ज्यादा नहीं पढ़ पा रही हैं । वहीं, 10 में से 5 पुरुष ऐसे हैं जो 10वीं के बाद पढ़ाई छोड़ रहे हैं । मोदी सरकार में मेडिकल कॉलेज और एमबीबीएस की सीटें दोनों की संख्या बढ़ी है ।

स्वास्थ्य
2019 में कोरोना की आहट और फिर 2020 में इस वायरस के तांडव ने हर देश के हेल्‍थ सेक्‍टर की पोल खोलकर रख दी । किसी भी देश के लिए मजबूत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर कितना जरूरी है, ये पिछले दो सालों ने बता ही दिया है । मोदी सरकार में स्वास्थ्य बजट में 130 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है, वहीं इस साल स्वास्थ्य के लिए सरकार ने साढ़े 86 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट रखा है । डॉक्‍टर्स की संख्या में 4 लाख से ज्यादा का इजाफा हुआ है । देश में अभी हर 834 लोगों पर एक डॉक्टर है ।

कृषि
मोदी सरकार में देश ने किसानों का सबसे बड़ा आंदोलन देखा । 1 साल से भीfarmer ज्‍यादा चला ये आंदोलन सरकार के नए कृषि कानूनों के विरोध में था । सरकार को भी किसानों के आगे झुकना पड़ा और मोदी सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को वापस ले लिया था । इस क्षेत्र में हालात कुछ ज्‍यादा नहीं बदले हैं । आंकड़ों के मुताबिक, मोदी सरकार में प्रति क्विंटल गेहूं पर 665 रुपये और चावल पर 630 रुपये एमएसपी बढ़ी है । मोदी सरकार का वादा था कि 2022 तक किसानों की कमाई दोगुनी कर दी जाएगी । हालांकि इसे लेकर अभी कोई डेटा मौजूद नहीं है ।

महंगाई
नरेन्‍द्र मोदी को सत्‍ता में लाने के लिए बीजेपी ने 2014 में ‘बहुत हुई महंगाई की मार, अबकी बार मोदी सरकार’  का नारा दिया । कांग्रेस सरकार से त्रस्‍त जनता ने बीजेपी को मौका दिया । लेकिन मोदी  सरकार में महंगाई बेतहाशा बढ़ी है, महंगाई दर मई 2014 के बाद रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गई है । पेट्रोल-डीजल की कीमतों में काबू लाना तो दूर सरकार ने इस क्षेत्र का निजीकरण दामों में आग लगा दी है । पिछले 8 साल में पेट्रोल की कीमत 30 रुपये और डीजल की कीमत 40 रुपये प्रति लीटर से ज्यादा बढ़ गई है । गैस सिलेंडर, पीएनजी, सीएनजी, खाद्य पदार्थ सब कुछ महेगा हो गया है । आटे-दाल-तेल के दाम ने गरीबों की भूख ही मार दी है । इन 8 सालों में देश का चेहरा तो चमका है लेकिन आम जन की जेब खाली हो रही है ।