हरियाणा-राजस्थान में BJP ने कर दिया खेल, दो मीडिया मुगलों की वजह से बिगड़ा कांग्रेस का गेमप्लान

हरियाणा में विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय के मैदान में आने के बाद क्रॉस वोटिंग की आशंका से कांग्रेस परेशान है।

New Delhi, Jun 01 : राज्यसभा चुनाव के नतीजे आमतौर पर तय होते हैं, उलटफेर की संभावना कम होती है, लेकिन राजस्थान से लेकर हरियाणा तक निर्दलीय उम्मीदवारों ने इस बार इसे रोचक बना दिया है, राजस्थान से बीजेपी समर्थिक सुभाष चंद्रा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर पर्चा भरने के साथ ही ये सुनिश्चित हो गया है कि कांग्रेस को वहां से 3 उम्मीदवारों को जिताने के लिये एड़ी-चोटी का जोर लगाना होगा, दिग्गज मीडिया मुगल सुभाष चंद्रा फिलहाल हरियाणा से निर्दलीय राज्यसभा सांसद हैं, लेकिन उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है, वो चुनाव लड़ने राजस्थान गये हैं, हरियाणा में एक और मीडिया व्यवसायी कार्तिकेय शर्मा ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर कांग्रेस प्रत्याशी अजय माकन के लिये मुश्किलें खड़ी कर दी है, 41 वर्षीय कार्तिकेय शर्मा आईटीवी नेटवर्क के मैनेजिंग डायरेक्टर हैं, राजनीतिक लिहाज से इससे बड़ा परिचय उनका ये है कि वो विनोद शर्मा के बेटे हैं, जो एक जमाने में पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा के बेहद करीबी थे, उनकी सरकार में मंत्री भी रहे, हालांकि बाद में विनोद शर्मा ने कांग्रेस छोड़ दी और अपनी पार्टी बना ली थी।

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राजस्थान की बात
पहले राजस्थान की बात करें, तो यहां 4 सीटें खाली है, 5 प्रत्याशी मैदान में हैं, कांग्रेस की तरफ से मुकुल वासनिक, रणदीप सूरजेवाला और प्रमोद तिवारी ने नामांकन भरा है, तो बीजेपी से घनश्याम तिवाड़ी मैदान में है, सुभाष चंद्रा ने बीजेपी समर्थित निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन भरा है, कांग्रेस ने प्रमोद तिवारी को तीसरी वरीयता पर रखा है, इसलिये सुभाष चंद्रा की उम्मीदवारी से अगर किसी को परेशानी है, तो वो प्रमोद तिवारी हैं।

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राजस्थान का गणित
प्रदेश में वोटों की गणित की बात करें, तो राजस्थान में एक राज्यसभा सांसद के लिये 41 विधायकों के वोट चाहिये, बीजेपी के पास कुल 71 विधायक हैं, घनश्याम तिवाड़ी के लिये प्रथम वरीयता के 41 वोटों के बाद भी बीजेपी के पास 30 वोट बच रहे हैं, इन्हीं वोटों के सहारे निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में सुभाष चंद्रा की एंट्री हुई है, हालांकि बीजेपी और सुभाष चंद्रा के लिये 11 वोटों का जुगाड़ करना आसान नहीं होगा, संभावना जताई जा रही है कि हनुमान बेनीवाल की पार्टी आरएलपी के 3 विधायकों का समर्थन सुभाष चंद्रा को मिल जाएगा, इसके बावजूद 8 वोटों की कमी रहती है, ऐसे में बीजेपी की नजर 13 निर्दलीय विधायकों के अलावा आरएलडी, बीटीपी और सीपीएम के विधायकों पर है। कांग्रेस के 108 विधायक हैं, दो उम्मीदवारों के लिये 82 वोटों के बाद कांग्रेस के पास 26 वोट बचेंगे, हालांकि कांग्रेस के रणनीतिकार 13 निर्दलीय, 1 आरएलडी, दो सीपीएम और दो बीटीपी विधायकों के समर्थन का दावा कर रहे हैं, बीजेपी के अप्रत्याशित परिणाम लाने के लिये कांग्रेस के किले में सेंध लगानी होगी, कम से कम 8 विधायकों को अपने पाले में करना होगा।

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हरियाणा का समीकरण
हरियाणा में विनोद शर्मा के बेटे कार्तिकेय के मैदान में आने के बाद क्रॉस वोटिंग की आशंका से कांग्रेस परेशान है, एक कांग्रेस नेता ने लीडिंग वेबसाइट से बात करते हुए खुद ही माना कि बड़े पैमाने पर क्रॉस वोटिंग हो सकती है, यहां राज्यसभा प्रत्याशी को जीत के लिये 30 वोट चाहिये, कांग्रेस के पास 31 विधायक हैं, कांग्रेस खेमे में ये बात सब मान रहे हैं कि प्रदेश कांग्रेस की कमान पूरी तरह से भूपिंदर सिंह हुड्डा को देने से नाराज कुलदीप बिश्नोई पार्टी उम्मीदवार से दूरी बना सकते हैं, इसके अलावा कांग्रेस के रणनीतिकारों को एक चिंता ये भी सता रही है कि कभी हुड्डा के करीबी दोस्त रहे कार्तिकेय के पिता विनोद शर्मा कांग्रेस के कुछ विधायकों को प्रभावित कर सकते हैं, कार्तिकेय के ससुर कुलदीप शर्मा भी 2019 तक कांग्रेस के विधायक रहे हैं, उसके बाद उन्हें टिकट नहीं मिला, वो अभी भी पार्टी में बने हुए हैं। अपने उम्मीदवार कृष्ण लाल पंवार की जीत सुनिश्चित करने के बाद बीजेपी के पास 10 विधायकों के वोट बचेंगे, इसके अलावा सहयोगी पार्टी जजपा के पास 10 विधायक हैं, पार्टी अध्यक्ष अजय चौटाला कार्तिकेय शर्मा को समर्थन देने का ऐलान कर चुके हैं, ऐसे में 7 निर्दलीय तथा इनेलो और हलोपा के 1-1 विधायकों की भूमिका महत्वपूर्ण हो जाएगी, बीजेपी के एक नेता ने कहा कि हमारे और जेजेपी के 10-10 वोटों के बाद निर्दलियों के 7 वोटों के साथ कार्तिकेय को सिर्फ तीन वोटों की जरुरत होगी, उन्होने दावा किया कि कार्तिकेय की जीत पक्की है।