BJP के चक्रव्यूह में फंस गई कांग्रेस, राज्यसभा की 4 अतिरिक्त सीटों के लिये मोदी का खास ‘गेमप्लान’

हरियाणा और राजस्थान में निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ उतरने से चुनावी माहौल गरमा गया है, ये कांग्रेस की राह मुश्किल कर रहा है।

New Delhi, Jun 03 : राज्यसभा में भी अपनी स्थिति मजबूत करने में जुटी बीजेपी 4 अतिरिक्त सीटें जीतने की कोशिश में लगी है, इसके लिये वो जहां उच्च सदन के लिये 10 जून को होने वाले चुनाव में निर्दलीय उम्मीदवारों पर भरोसा जता रही है, वहीं कांग्रेस के अंतरकलह का भी फायदा उठाने की कोशिश कर रही है।

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चुनावी पारा हाई
हरियाणा और राजस्थान में निर्दलीय उम्मीदवारों के साथ उतरने से चुनावी माहौल गरमा गया है, ये कांग्रेस की राह मुश्किल कर रहा है, bjp-congress-flag सूत्रों के अनुसार अपने खेमे को एकजुट रखने के लिये कांग्रेस ने राजस्थान के अपने सभी विधायकों को उदयपुर के एक रिजॉर्ट में रखा है, हरियाणा के सभी विधायकों को छत्तीसगढ भेज दिया है, दोनों ही राज्यों में कांग्रेस की सरकारें हैं।

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बीजेपी ने की पूरी तैयारी
इस चुनाव को बीजेपी ने कितनी गंभीरता से लिया है, इसका अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि बीजेपी ने पहली बार राज्यसभा चुनाव के लिये 4 केन्द्रीय मंत्रियों को 4 राज्यों का प्रभारी नियुक्त किया है, bjp congress केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, गजेन्द्र सिंह शेखावत को राजस्थान और हरियाणा का प्रभारी बनाया गया है। अश्विनी वैष्णव को महाराष्ट्र, तथा जी किशन रेड्डी को कर्नाटक के चुनावों के लिये प्रभारी नियुक्त किया गया है, इन दोनों राज्यों में भी कड़ी टक्कर देखने को मिल सकती है, क्योंकि सीटों की संख्या से ज्यादा उम्मीदवार मैदान में ताल ठोंक रहे हैं।

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10 जून को चुनाव
15 राज्यों की 57 सीटों के लिये 10 जून को मतदान होना है, जिसमें राजस्थान में 4, महाराष्ट्र में 6. कर्नाटक में 4 और हरियाणा की 2 सीटों के लिये चुनाव है, नतीजे 10 जून को ही घोषित किये जाएंगे। BJP Flag बीजेपी सूत्रों का कहना है कि पार्टी दोहरी रणनीति पर काम कर रही है, उसकी कोशिश कांग्रेस के विधायकों का मत हासिल करने के साथ ही निर्दलीयों और अन्य गैर संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन के सहयोगी दलों की विधायकों को साधने की है।

बाहरी से असंतोष
कांग्रेस द्वारा विभिन्न राज्यों में बाहरी नेताओं को उम्मीदवार बनाये जाने से पार्टी नेताओं, खासकर प्रदेश इकाइयों में असंतोष है, बीजेपी इसी का फायदा उठाना चाहती है, इसी के तहत बीजेपी ने हरियाणा के प्रभावशाली नेता विनोद शर्मा के बेटे तथा हरियाणा विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष कुलदीप शर्मा के दामाद कार्तिकेय शर्मा के समर्थन में पूरी ताकत झोंक दी है, कार्तिकेय को सीएम खट्टर का करीबी भी कहा जाता है, उनकी मां अंबाला की मेयर है। इत्तेफाक ये भी है कि विनोद शर्मा और कुलदीप शर्मा दोनों पूर्व सीएम हुड्डा के काफी करीबी रहे हैं, कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर अजय माकन मैदान में हैं, माना जा रहा है कि अगर वो हारते हैं तो हुड्डा की कांग्रेस में स्थिति कमजोर हो सकती है, दूसरी ओर हुड्डा खेमे को प्रदेश अध्यक्ष पद दिये जाने से कुलदीप बिश्नोई नाराज हैं, वो उनके खिलाफ जा सकते हैं। हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा में बीजेपी के 40, कांग्रेस के 31 विधायक हैं, बीजेपी की सहयोगी जेजेपी के 10 विधायक हैं, इसके अलावा इनेलो और हलोपा के 1-1, तथा 7 निर्दलीय विधायक हैं। माकन की जीत के लिये कांग्रेस के सभी 31 विधायकों का वोट हासिल करना जरुरी है, लेकिन उसके लिये चिंता ये है कि कुलदीप बिश्नोई इन दिनों नाराज चल रहे हैं, हाल ही में माकन की उम्मीदवारी के समर्थन में बुलाई गई कांग्रेस विधायक दल की बैठक में भी नहीं शामिल हुए थे, कांग्रेस को निर्दलीय विधायकों को वोट मिलने की भी उम्मीद है, कार्तिकेय शर्मा कांग्रेस में सेंधमारी कर उसके कम से कम 2 वोट हासिल करने की कोशिश में हैं, यदि ऐसा होता है कि बीजेपी के दूसरी वरीयता मतों की मदद से वो जीत सकते हैं।