राष्ट्रपति चुनाव लड़ेंगे लालू प्रसाद यादव, दिल्ली पहुंचने के बाद करेंगे ऐलान
लालू प्रसाद यादव नगर पंचायत चुनाव से लेकर राष्ट्रपति चुनाव तक अपना भाग्य आजमा चुके हैं, ये अलग बात है कि उन्हें आज तक सफलता नहीं मिली है।
New Delhi, Jun 12 : चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव के लिये तारीख का ऐलान हो चुका है, राष्ट्रपति चुनाव के लिये 18 जुलाई को मतदान होगा, अभी तक बीजेपी या कांग्रेस पार्टी की ओर से इस पद के लिये किसी के नाम का ऐलान नहीं किया गया है, लेकिन इस बीच बिहार के लालू प्रसाद यादव राष्ट्रपति बनने के लिये चुनाव लड़ने जा रहे हैं, नामांकन दाखिल करने के लिये वो 15 जून को दिल्ली पहुंचने की तैयारी कर रहे हैं, आपको बता दें कि हम बिहार के पूर्व सीएम लालू प्रसाद यादव की नहीं बल्कि सारण के रहने वाले लालू प्रसाद यादव की बात कर रहे हैं।
2017 में भी नामांकन
दैनिक जागरण में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक सारण जिले के मढौरा नगर पंचायत क्षेत्र स्थित यादव रहीमपुर निवासी लालू प्रसाद यादव ने 2017 में हुए राष्ट्रपति चुनाव के लिये भी नामांकन किया था, लेकिन संख्या बल पूरा नहीं होने की वजह से उनका नामांकन रद्द हो गया था, इस बार वो पूरी तैयारी में हैं, नामांकन दाखिल करने के लिये वो 15 जून को दिल्ली जाने की तैयारी कर रहे हैं, उन्होने इसके लिये फ्लाइट का टिकट भी बुक करा लिया है।
पंचायत चुनाव से लेकर राष्ट्रपति चुनाव तक
रिपोर्ट के मुताबिक लालू प्रसाद यादव नगर पंचायत चुनाव से लेकर राष्ट्रपति चुनाव तक अपना भाग्य आजमा चुके हैं, ये अलग बात है कि उन्हें आज तक सफलता नहीं मिली है, वो साल 2001 में सबसे पहले वार्ड पंचायत चुनाव लड़े थे, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था, इसके बाद 2006 और 2009 में वार्ड पंचायत का चुनाव लड़े, तथा हार गये।
लगातार मिली हार
लालू प्रसाद यादव ने लगातार मिल रही हार के बाद भी चुनाव लड़ना नहीं छोड़ा, 2014 में लोकसभा चुनाव लड़े और हार गये, इतना ही नहीं वो 2015 के भी विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा चुके हैं, यही नहीं विधान परिषद के 2016 में सारण स्नातक निर्वाचन क्षेत्र, 2020 में सारण शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र, तथा 2022 में सारण त्रिस्तरीय पंचायत निर्वाचन क्षेत्र के चुनावी मुकाबले में भी उन्होने किस्मत आजमाई, लेकिन हार का सामना करना पड़ा।
चुनाव लड़ने का बनाना है रिकॉर्ड
बिहार में लालू प्रसाद यादव को धरती पकड़ के नाम से जाना जाता है, उनका कहना है कि उन्हें चुनाव लड़ने का रिकॉर्ड बनाना है, वो उन लोगों में से नहीं हैं, जो हार मिलने के बाद चुनाव बैठ जाएं, उनका मानना है कि कभी ना कभी उनकी किस्मत साथ देगी, वो राज्य या केन्द्र के किसी सदन का हिस्सा बनेंगे, उन्हें राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिये सौ प्रस्तावकों की जरुरत है, फिलहाल उनके पास 40 प्रस्तावक हैं, लेकिन उनका कहना है कि वो दिल्ली जाकर बाकी प्रस्तावकों का इंतजाम करेंगे।