5 लाख रुपये से 800 करोड़, जानिये क्या है नेशनल हेराल्ड केस, क्यों घिरे सोनिया-राहुल गांधी?
आइये हम आज आपको बताते हैं कि आखिर नेशनल हेराल्ड केस क्या है, सोनिया और राहुल गांधी को इस मामले में कानूनी कार्रवाई का सामना क्यों करना पड़ रहा है।
New Delhi, Jun 13 : कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके बेटे राहुल गांधी को प्रवर्तन निदेशालय ने पूछताछ के लिये बुलाया है, आइये हम आज आपको बताते हैं कि आखिर ये पूरा मामला क्या है, सोनिया और राहुल गांधी को इस मामले में कानूनी कार्रवाई का सामना क्यों करना पड़ रहा है।
1938 में जवाहरलाल नेहरु ने एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड एजेएल कंपनी बनाई।
इस कंपनी में 5 हजार स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के शेयर थे।
कंपनी ने नेशनल हेराल्ड, नवजीवन और कौमी आवाज अखबार निकाले।
कंपनी के पास दिल्ली, मुंबई, पंचकूला, लखनऊ तथा पटना में प्राइम लोकेशन पर संपत्ति है।
माली हालत ठीक ना होने की वजह से एजेएल ने 2008 में अखबार छापने बंद कर दिये।
2010 में कंपनी के 1057 शेयर होल्डर्स थे
2010 में ही नई बनी यंग इंडियन लिमिटेड आईआईएल ने एजेएल को खरीद लिया।
वाईआईएल के पास तब 5 लाख रुपये थे, कंपनी में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडिस शेयर होल्डर थे।
शेयर होल्डर्स ने आरोप लगाया कि उनसे पूछे बिना वाईआईएल ने एजेएल के 99 फीसदी शेयर का अधिग्रहण कर लिया।
2012 में बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने इस मामले में दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दी।
स्वामी ने आरोप लगाया कि वाईआईएल ने सिर्फ 50 लाख रुपये दिये और एजेएल के 90 करोड़ रुपये के कर्ज की वसूली का हक पा लिया, साथ ही 2 हजार करोड़ की संपत्ति भी हथिया ली।
ईडी के अनुसार वाईआईएल को कोलकाता की एक फर्जी यानी शेल कंपनी से 1 करोड़ रुपये का कर्ज मिला।
इस 1 करोड़ रुपये से वाईआईएल ने कांग्रेस को 50 लाख रुपये देकर एजेएल के शेयर ले लिये, ईडी का कहना है कि अब वाईआईएल के पास 800 करोड़ की संपत्ति है।
वाईआईएल को 29 मार्च 2011 को 9 मई के आवेदन पर इनकम टैक्स से मुक्त किया गया है।
साल 2010-11 से वाईआईएल को टैक्स मुक्त किया गया, तब कंपनी तक नहीं बनी थी।