आय से 540 गुना अधिक संपत्ति: भ्रष्‍टाचारी IAS अफसर गिरफ्तार, पत्‍नी को भी बुलावा

लखनऊ के समाजिक कार्यकर्ता हेमंत कुमार मिश्रा ने आईएएस मामले में जांच के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय और उत्तर प्रदेश शासन को शिकायत की थी ।

New Delhi, Jun 24: आय से अधिक संपत्ति के मामले में उत्तराखंड सतर्कता विभाग ने गुरुवार को आय से 540 गुना अधिक संपत्ति के मामले में उत्तराखंड सतर्कता विभाग ने अपर सचिव राम विलास यादव को देहरादून से गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया है । इससे पहले राज्‍य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को यादव के निलंबन के आदेश जारी किए थे । दव ने गिरफ्तारी से बचने के लिए उच्च न्ययालय का दरवाजा खटकाया था, जिसमें अदालत ने कोई राहत न देते उन्हें सतर्कता विभाग के सवालों का सामना करने के लिए आदेश दिए थे ।

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ये है पूरा मामला
दरअसल लखनऊ के सामाजिक कार्यकर्ता हेमन्त कुमार मिश्रा ने उत्तराखंड शासन के अपर सचिव डॉ. रामविलास यादव के खिलाफ आय से अधिक सम्पति की शिकायत की थी । मिश्रा ने इस मामले में जांच के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय और उत्तर प्रदेश शासन को शिकायत दी थी । इसी पर संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार ने 2018 में सतर्कता विभाग को रामविलास यादव के विरुद्ध जांच करने के आदेश दिए थे । मामले में जांच के बाद सतर्कता विभाग ने खोजबीन कर दस्तावेज और तथ्य जुटाकर सरकार को एक रिपोर्ट सौंपी थी ।

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यूपी के जिलों में संपत्ति
उत्तराखण्ड सरकार ने भी मामले में अप्रैल 2022 में राम विलास यादव के खिलाफ अभियोग चलाये जाने की अनुमति दे दी थी । जिसके बाद से सतर्कता विभाग ने आईएएस अधिकारी पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया था । शिकायत के बाद उत्तर प्रदेश में डॉ. राम विलास यादव की सम्पतियों का एक के बाद एक खुलासा होने लगा था । बता चला है कि यादव का लखनऊ के दिलकुशा विहार कॉलोनी में बड़ा बंगला है । यहीं कुर्सी रोड में एक सरकारी भूमि पर जनता विद्यालय के नाम से स्कूल भी है । इसके अलावा जांच में पत्नी कुसुम विलास के नाम से गाजीपुर जिले में लाखों की 2 जमीनें मिलीं हैं । इसके अलावा रामविलास यादव ने देहरादून, लखनऊ और गाजियाबाद में 2013 से 2016 तक करोड़ों की जमीन और फ्लैट खरीदे थे । उत्तराखंड में गाजीपुर निवासी डॉ. राम विलास यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दायर किया गया था ।

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यूपी और उत्तराखंड में की ड्यूटी
1992 में राम विलास यादव ने पीसीएस की परीक्षा उतीर्ण की थी, जिसके बाद वह डिप्टी कलेक्टर के पद पर नियुक्त हुए और 2016 तक उत्तर प्रदेश में कई पदों पर रहे । इसमें लखनऊ विकास प्राधिकरण के सचिव का पद भी शामिल है । इसके बाद उन्होंने अपनी तैनाती उत्तराखंड स्थानांतरित करवा ली. यहां वह अपर सचिव, कृषि के पद पर तैनात थे । मामले में रामविलास यादव की पत्नी कुसुम यादव को भी तलब किया गया है । मामले में पूछताछ के दौरान संतोषजनक जवाब न मिलने की वजह से यादव को गिरफ्त में लिया गया और अब न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद सतर्कता विभाग उन्हें रिमांड में लेने की तैयारी कर रहा है । यादव की सम्पति में उनकी पत्नी का भी नाम है।