पीएम मोदी को G-7 सम्मेलन में क्यों बुलाया गया?, पाकिस्तान ने बताया असली वजह

पाकिस्तानी पूर्व राजनयिक तथा भारत में पाक के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने जी-7 की बैठक में भारत को बुलाये जाने के पीछे के बताये हैं।

New Delhi, Jun 28 : जर्मनी में चल रहे जी-7 शिखर सम्मेलन में सदस्य देशों के अलावा बतौर मेहमान भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को आमंत्रित किया गया है, पीएम मोदी रविवार से जर्मनी के दौरे पर हैं, उन्होने इस दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ब्रिटेन के पीएम बोरिस जॉनसन, फ्रांसिसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, कनाडाई पीएम जस्टिन ट्रूडो आदि नेताओं से मुलाकात की, इन नेताओं ने बड़े ही गर्मजोशी से पीएम से मुलाकात की, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, लोग इसे लेकर खूब रिएक्ट कर रहे हैं, जी-7 देशों की बैठक में भारत को बुलाये जाने को लेकर पाक की ओर से भी प्रतिक्रिया आई है।

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पाक ने क्या कहा
पाकिस्तानी पूर्व राजनयिक तथा भारत में पाक के उच्चायुक्त रहे अब्दुल बासित ने जी-7 की बैठक में भारत को बुलाये जाने के पीछे के कारणों का जिक्र करते हुए कहा, कि अमेरिका और सदस्य देश भारत को रुस से दूर करना चाहते हैं, इसलिये भारत को ग्रुप में खूब तरजीह दे रहे हैं। बासित ने ये भी कहा कि हो सकता है कि आने वाले दिनों में भारत को जी-7 का सदस्य बनाया जाए, अपने य-ट्यूब चैनल पर जारी वीडियो में बासित ने कहा कि हमारे नजरिये से दिलचस्प बात ये है कि सम्मेलन में भारत को प्रधानमंत्री को भी बुलाया गया है, इसमें कोई शक नहीं कि भारत एक उभरती हुई अर्थव्यवस्था है।

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रुस पर दबाव डालने की कोशिश
अब्दुल बासित ने कहा कि अमेरिका के नेतृत्व में जी-7 देश रुस पर प्रेशर बनाने की कोशिश कर रहे हैं, वो जल्द से जल्द युद्ध खत्म कर दे, लेकिन वो अभी तक रुस पर पूरी तरह से दबाव डालने में असफल रहे हैं, बासित ने ये भी कहा कि अब ये देश किसी तरह से रुस के करीबी दोस्त भारत को अपने पाले में करना चाहते हैं। उन्होने कहा बहुत मुमकिन है कि भारत को जी-7 का स्थायी सदस्य बनाया जाए, क्योंकि ना तो रुस और ना ही चीन इस ग्रुप का हिस्सा है, दूसरी ओर हम देखते हैं कि भारत एशिया-पेसिफिक में क्वॉड का हिस्स है, और फिर पश्चिम एशिया में एक-दूसरे क्वॉड का भी हिस्सा है, जिसमें अमेरिका, इजरायल, यूएई और भारत है, तो मुमकिन है कि भारत जी-7 का सदस्य बन जाए।

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भारत की निष्पक्ष नीति
रुस-यूक्रेन युद्ध पर भारत की निष्पक्ष नीति का जिक्र करते हुए अब्दुल बासित ने कहा कि भारत ने दोनों पक्षों से अपने रिश्ते ठीक ही रखे हैं, रुस से वो तेल भी खरीद रहा है, उस पर प्रतिबंध भी नहीं लग रहे, तो ये मुमकिन है, कि किसी समय अमेरिका या दूसरे सदस्य देश भारत को इस बात के लिये मनाएं, कि रुस के साथ आपके जो भी आर्थिक और रक्षा संबंध है, उसे धीरे-धीरे खत्म करें, आप जी-7 का हिस्सा बन जाएं।