टेलर कन्हैया को पहले ही मिली थी धमकी,  इस तरह से शुरू हुआ था पूरा विवाद

उदयपुर में एक टेलर की हत्या को आतंकवादी हमला माना जा रहा है, घटना की जांच के लिए जांच दल भेजा गया है, जिसमें आतंकवाद रोधी एजेंसी NIA के अधिकारी शामिल हैं ।

New Delhi, Jun 29: राजस्थान में उदयपुर के धानमंडी थाना क्षेत्र में टेलर कन्हैया की मंगलवार को बड़ी बेहरहमी से हत्या कर दी गई । पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, साथ ही, लगातार शांति की अपील भी की जा रही है । पूरा मामले इस महीने की 10 तारीख से शुरू होता है, जब एक सोशल मीडिया पोस्ट के लिए कन्हैया पर केस दर्ज हुआ था । टेलर कन्हैया को गिरफ्तार तक जेल भेज दिया गया था ।

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जान से मारने की धमकी
जेल गए कन्‍हैंया को 15 जून को जमानत पर रिहाई मिल गई थी । दो दिन बाद 17 जून को कन्हैया को जान से मारने की धमकी मिली । इस धमकीकी कन्हैया ने पुलिस से शिकायत की, उसने कहा कि उसे जान का खतरा है और सुरक्षा मांगी । तब पुलिस ने कन्हैया समेत दोनों पक्षों को थाने बुलाकर समझौता कराया । लेकिन 28 जून को जो हुआ उससे साफ जाहिर है कि पुलिस को वो कोशिश नाकाम ही रही थी । सवाल ये भी उठ रहा है कि क्या पुलिस ने दबाव बनाकर कन्हैया से समझौते पर साइन करवाया? कहा जा रहा है कि आरोपियों पर सख्त कार्रवाई हुई होती तो कन्हैया को बचाया जा सकता था ।

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सात थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू
घटना के बाद देर रात आठ बजे उदयपुर के सात थाना क्षेत्रों में अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा दिया गया है, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जनता से शांति बनाए रखने की अपील की है । वहीं मुख्य सचिव ऊषा शर्मा ने मंगलवार शाम उच्चस्तरीय बैठक की और सभी संभागीय आयुक्तों, पुलिस महानिरीक्षकों एवं जिलाधिकारियों को प्रदेशभर में विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश दिए । सरकारी बयान में मुख्य सचिव ने कानून-व्यवस्था बनाये रखने की दृष्टि से प्रदेशभर में आगामी 24 घंटे के लिए इंटरनेट बंद किए जाने, सभी जिलों में आगामी एक माह तक धारा 144 लागू करने, पुलिस एवं प्रशासन के सभी अधिकारियों के अवकाश निरस्त करने, शांति समिति की बैठक आयोजित करने और उदयपुर जिले में आवश्यकतानुसार कर्फ्यू लगाए जाने के निर्देश दिए हैं।

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जांच के लिए भेजा गया विशेष दल
उदयपुर में मंगलवार को हुई इस घटना को आतंकवादी हमला माना जा रहा है । जांच के लिए एक जांच दल भेजा गया है, जिसमें आतंकवाद रोधी एजेंसी एनआईए के अधिकारी शामिल हैं क्योंकि प्रारंभिक जानकारी से यह बात सामने आई है कि हमलावरों के आईएसआईएस से संबंध हो सकते हैं । अधिकारियों ने कहा कि जांच दल मामले की गहन जांच करेगा और गिरफ्तार किए गए दो आरोपियों की पृष्ठभूमि की पड़ताल करेगा । एक वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से कहा जा रहा है कि- प्रथम दृष्टया यह एक आतंकी मामला लगता है और इसकी गहन जांच की जरूरत है जिसमें उनके सोशल मीडिया प्रोफाइल को खंगालना शामिल है।

बेटे ने किया था पोस्‍ट
मिली जानकारी के अनुसार टेलर का काम करने वाले कन्‍हैयालाल के आठ साल के बेटे ने मोबाइल से नूपुर शर्मा के समर्थन में सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दी थी । इसके बाद उसके खिलाफ केस भी दर्ज हुआ और वो जेल भी गया । लेकिन कुछ लोग उस पर ऐसे भड़के कि उसकी दुकान में घुसकर धारदार हथियार से बेरहमी से हत्या कर दी । मामले में आरोपियों ने वीडियो जारी कर हत्या की जिम्मेदारी भी ली है । बहरहाल पूरे मामले में पुलिस लगातार शांति बनाए रखने की अपील कर रही है, प्रशासन भी पूरी तरह से मुस्‍तैद है ।