ये है असली वजह! फडण्वीस ने सीएम पद एकनाथ शिंदे को क्यों दे दिया? Inside Story

देवेन्द्र फडण्वीस ने गुरुवार शाम को प्रेस कांफ्रेंस में साफ कर दिया कि वो किंग नहीं बल्कि किंगमेकर होंगे, फडण्वीस ने हिंदुत्व की विचारधारा को आगे ले जाने की भी बात कही।

New Delhi, Jul 01 : महाराष्ट्र के सियासी संकट का अंत सस्पेंस भरा रहा, उद्धव ठाकरे ने जब सीएम पद से इस्तीफा दिया, तो लगभग ये माना जा रहा था कि बीजेपी के पूर्व सीएम देवेन्द्र फडण्वीस प्रदेश के अगले सीएम तथा एकनाथ शिंदे डिप्टी सीएम होंगे, लेकिन बीजेपी ने सभी को चौंकाते हुए सीएम पद के लिये एकनाथ शिंदे का समर्थन किया, बाद में देवेन्द्र फडण्वीस को डिप्टी सीएम बनाया गया।

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फडण्वीस की तारीफ
देवेन्द्र फडण्वीस ने गुरुवार शाम को प्रेस कांफ्रेंस में साफ कर दिया कि वो किंग नहीं बल्कि किंगमेकर होंगे, फडण्वीस ने हिंदुत्व की विचारधारा को आगे ले जाने की भी बात कही, फडण्वीस के इस कदम की राजनीतिक विश्लेषकों ने तारीफ की। फडण्वीस ने कहा मैं सरकार से बाहर रहूंगा, लेकिन मैं नई सरकार को सभी मोर्चो पर सफल बनाने के लिये हर संभव कोशिश करुंगा, पिछले ढाई सालों में रुकी हुई विकास गतिविधियों को फिर से शुरु करुंगा, फडण्वीस नई सरकार में शामिल होना नहीं चाहते थे, लेकिन बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा और केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह के अनुरोध के बाद वो डिप्टी सीएम बनने को राजी हुए।

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सरकार से बाहर रहना चाहते थे
देवेन्द्र फडण्वीस ने सीएम की कुर्सी त्याग कर खूब तारीफ बटोरी, हालांकि कुछ ऐसे भी हैं, जो ये मान रहे हैं कि फडण्वीस के साथ अच्छा नहीं हुआ, उन्हें मुख्यमंत्री बनाया जाना चाहिये था, एक ऐसा नेता जो पहले सीएम रहा हो, वो शिंदे के नीचे कैसे काम करेगा, Devendra Fadanvis ये सारी बातें चर्चा की है। देवेन्द्र फडण्वीस ने उद्धव ठाकरे से जो सबक सीखा, उसका एक कारण ये भी हो सकता है, कि वो नई सरकार में किंग के बजाय किंगमेकर बनना चाहते थे, फडण्वीस का मानना होगा कि एकनाथ शिंदे को समर्थन देकर वो सामने आये बिना प्रमुख निर्णयकर्ता बन जाएंगे।

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ये भी कारण
एक कारण ये भी हो सकता है कि वो उद्धव ठाकरे को जवाब देना चाहते थे, जिन्होने तंज कसते हुए बागी विधायकों से पूछा कि क्या बीजेपी उन में से एक को प्रदेश का मुख्यमंत्री बनाएगी। फडण्वीस ये भी संदेश देना चाहते थे कि उन्हें सत्ता से मोह नहीं है, दरअसल राजनीति परसेप्शन का खेल है, उद्धव ने इस्तीफे के ऐलान के समय कहा था कि उन्हें सत्ता से मोह नहीं है, फडण्वीस ने भी उद्धव को उसी अंदाज में जबाव देने की कोशिश की।

सत्ता के लिये कुछ भी
2019 में जब सरकार बनाने को लेकर शिवसेना से बात नहीं बनी थी, तो बीजेपी एनसीपी नेता अजित पवार के साथ सत्ता पर काबिज हो गई, फडण्वीस तब दोबारा सीएम बने थे, अजित पवार को डिप्टी सीएम की कुर्सी दी गई थी, Fadanvis pawar इसके बाद ये संदेश आया, कि बीजेपी सत्ता के लिये किसी भी हद तक जा सकती है। जिस तरह से शिवसेना के 40 विधायक बागी हुए, उसमें भी राजनीतिक गलियारे में बीजेपी का हाथ होने की बात कही गई, लोगों के बीच फिर वही संदेश गया कि सत्ता के लिए बीजेपी कुछ भी कर सकती है, इसी संदेश को दूर करने के लिये बीजेपी ने एकनाथ शिंदे को सीएम बनाया और बताने की कोशिश की कि उसे सत्ता का मोह नहीं है।