बनना चाहता था कबाड़ी, लेकिन बन गया IAS! देश के तेजतर्रार अफसरों में होती है इनकी गिनती

देश में कई ऐसी शख्सियत है जिनकी कहानी इंस्‍पायरिंग है और काम कमाल का । ऐसे ही एक आईएएस अफसर के बारे में आगे पढ़ें ।

New Delhi, Jul 08: उत्तराखंड कैडर के IAS अफसर दीपक रावत की गिनती देश के तेजतर्रार अफसरों में होती है। कुमाऊ मंडल के कमिश्‍नर, अक्सर अपने अनोखे अंदाज में छापे मारने को लेकर ये सुर्खियों में रहते हैं। उनकी पॉपुलेरिटी ऐसी है कि फेसबुक पर उनके नाम से फैन क्लब तक बना हुआ है। दीपक रावत सोशल मीडिया पर बहुत ही पॉपुलर हैं ।

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मसूरी से हैं दीपक रावत
45 साल के IAS दीपक रावत उत्तराखंड में मसूरी के रहने वाले हैं। इनका जन्म 24 सितंबर 1977 को हुआ था। दीपक की पत्‍नी विजेता सिंह पेशे से एक वकील हैं। Kumaon के Commissioner दीपक के दो प्‍यारे से बच्चे हैं । बेटी का नाम दिरीशा है और बेटे का नाम दिव्यांश है । दीपक रावत 2012 बैच के आईएएस हैं। दीपक रावत हरिद्वार के डीएम बनने से पहले नैनीताल के डीएम थे और उस से पहले कुमाऊ मंडल विकास निगम के एमडी थे।

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तीसी कोशिश में पास किया यूपीएसएसी
दीपक रावत ने जेएनयू से एमफिल की है। पोस्ट ग्रेजुएशन करने के साथ ही उन्होंने सिविल सर्विसेज की तैयारी भी शुरू कर दी थी । पहले दो प्रयास में असफल रहे, लेकिन तीसरे प्रयास में दीपक रावत ने UPSC  क्‍लीयर किया। उनकी आल इंडिया रैंक 12वीं आई थी।

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कबाड़ी वाला बनने का था शौक
दीपक रावत जब छोटे थे तो वो कबाड़ी वाला बनना चाहते थे । उन्‍हें कबाड़ी वालों का आवाज लगाना बड़ा पसंद था । दीपक रावत को जनता के बीच रहकर काम करना पसंद करते हैं । फेसबुक पर उनके ऐसे कई वीडियो हैं जिसमें वो लोगों की सुनवाई के लिए नको अपना पर्सनल नंबर तक सबको देते हैं । डीएम रावत की अपने क्षेत्र में खूब धमक है ।