क्या है PFI?, जिसे बैन करने की उठ रही आवाज

पटना में PFI मिशन 2047 पर काम कर रहा था, ये मिशन भारत के होश उड़ाने वाला है । इस मामले में अब तक 5 गिरफ्तार हो चुके हैं । क्‍या है ये पूरा मामला आगे पढ़ें ।

New Delhi, Jul 15: देश में एक बड़ी साजिश का बुघवार को खुलासा हुआ । पीएफआई भारत को मुस्लिम राष्ट्र बनाने के लिए ‘मिशन 2047’ पर काम कर रहा है, जिसके लिए उन्होंने अपना ठिकाना बिहार के पटना को बनाया हुआ है । पिछले कुछ दिनों से आतंकी संगठन बिहार में अपनी जड़ें मजबूत कर रहे थे, पहले आतंकियों का सेफ पैसेज कहा जाने वाला बिहार अब आतंकियों का सेफ पैलेस बनता जा रहा है । पीएफआई से जुड़े 5 लोगों की गिरफ्तारी के बाद यह बात साबित हो गई है । जिनकी गिरफ्तारी हुई है उनमें दानिश, अरमान मलिक, शब्बीर आलम शामिल हैं, इनकी सहायता पीएफआई जैसी संस्था कर रही है ।

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क्‍या है पीएफआई ?
पीएफआई को सिमी का लेटेस्ट वर्जन कहा जा रहा है । आपको बता दें पीएफआई एक चरमपंथी इस्लामी संगठन है । हालांकि यह खुद को पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के अधिकार के लिए आवाज बुलंद करने वाला संगठन बताता हैं, लेकिन ताजा मामला इसकी आतंक की जड़ों को उजागर कर रहा है । पीएफआई के ठिकाने कई राज्यों में हैं । कर्नाटक फोरम फॉर डिग्निटी , तमिलनाडु के मनिथा नीति पासराई , गोवा के सिटिजन्स फोरम , राजस्थान के कम्युनिटी सोशल एंड एजुकेशनल सोसाइटी , आंध्र प्रदेश के एसोसिएशन ऑफ सोशल जस्टिस समेत अन्य संगठनों के साथ मिलकर पीएफआई ने कई राज्यों में अपनी पैठ बना ली है।

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आतंकवादी समूहों से जुड़े तार
इस संगठन पर अकसर ही देश विरोधी गतिविधियों के आरोप लगते रहे हैं ।  इसके कैडरों के आतंकवादी समूहों के साथ तार जुड़े होने की बातें भी सामने आती रही हैं । कहा तो यह भी जाता है कि पीएफआई के कैडर इस्लामिक स्टेट जैसे खूंखार आतंकवादी समूहों से भी जुड़े हैं । नागरिकता कानून के खिलाफ जब यूपी में प्रदर्शन हुए थे तो हिंसा में भी इस संगठन के शामिल होने के संकेत मिले थे । इसी वजह से इस संगठन को बैन करने की मांग जारी है ।

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पीएफआई, दफ्तर या आतंक का ट्रेनिंग कैंप?
अब बात करते हैं बिहार की, पटना पुलिस ने जिन दो आतंकियों को गिरफ्तार किया है उसके तार भी PFI से जुड़े हैं । इन दोनों को पीएम नरेंद्र मोदी के पटना दौरे से पहले पकड़ा गया है । 11 जुलाई की शाम आईबी के इनपुट के आधार पर ये गिरफ्तारी हुई है । सिचुएशन पैनिक न हो इसलिए तब इनकी पहचान का खुलासा नहीं किया गया । 12 जुलाई को दौरा समाप्त होने के बाद 13 जुलाई को पुलिस इन्हें सामने लेकर आई । जिसके बाद बताया गया कि पटना में पीएफआई के दफ्तर में आतंकी ट्रेनिंग कैंप चला रहे थे । जानकारी के अनुसार यहां ट्रेनिग देने के लिए केरल से ट्रेनर पहुंचे थे । केरल के अलावा दक्षिणी कर्नाटक और हैदराबाद से भी कुछ पीएफआई सदस्य यहां पहुंचे थे ।