रामनाथ कोविंद ने साझा किया पीएम मोदी का लेटर, कही दिल छू लेने वाली बात

नरेन्द्र मोदी ने अपने लेटर में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर रहते हुए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यकाल की तारीफ की है, उन्होने पूर्व राष्ट्रपति को सैल्यूट करते हुए लिखा, आपने अपने कार्यकाल के दौरान उच्च मानक स्थापित किये।

New Delhi, Jul 26 : पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पीएम मोदी द्वारा उनके कार्यकाल की समाप्ति पर लिखे गये लेटर को लेकर अपनी प्रतिक्रिया जाहिर की है, उन्होने अपने ट्विटर हैंडल से एक ट्वीट कर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के इस लेटर ने मेरे मन को गहराई से छुआ है, मैं दयालुता और प्यार से भरे उनके हार्दिक शब्दों को उस सम्मान के प्रतिबिंब के रुप में लेता हूं, जो साथी नागरिकों ने मुझ पर बरसाये हैं, मैं आप सभी का हृदय से आभारी हूं।

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पीएम ने की तारीफ
नरेन्द्र मोदी ने अपने लेटर में देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर रहते हुए पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के कार्यकाल की तारीफ की है, उन्होने पूर्व राष्ट्रपति को सैल्यूट करते हुए लिखा, Modi आपने अपने कार्यकाल के दौरान उच्च मानक स्थापित किये, देश के राष्ट्रपति के रुप में आपका कार्यकाल ईमानदारी, प्रदर्शन, संवेदनशीलता और सेवा की भावना से ओत-प्रोत रहा, मैं पूरे देश की ओर से राष्ट्रपति के रुप में आपके शानदार कार्यकाल तथा एक लंबे सार्वजनिक जीवन के लिये आपको बधाई देता हूं।

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24 जुलाई को कार्यकाल समाप्त
आपको बता दें कि भारत के 14वें राष्ट्रपति के रुप में रामनाथ कोविंद का कार्यकाल बीते 24 जुलाई को खत्म हो गया, द्रौपदी मुर्मू ने देश की 15वीं राष्ट्रपति के रुप में 25 जुलाई को अपना पदभार संभाला है, गत 23 जुलाई को उनके सम्मान में दिल्ली के अशोका होटल में पीएम मोदी ने रात्रि भोज का आयोजन किया था, इसी दिन संसद भवन के केन्द्रीय कक्ष में रामनाथ कोविंद ने अपना विदाई भाषण दिया था।

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फेयरवेल स्पीच
अपने फेयरवेल स्पीच में रामनाथ कोविंद ने कहा, आज मैं आप सभी से विदाई ले रहा हूं, मेरे मन में कई स्मृतियां उमड़ रही है, बीते सालों में मैंने कई यादगार पल आप लोगों के साथ बिताये, आज से 5 साल पहले इसी स्थान पर मैंने राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, आप सभी के लिये ये गर्व की बात है कि आप भारत की जनता द्वारा निर्वाचित जनप्रतिनिधि हैं, देश के सभी पूर्व राष्ट्रपति मेरे लिये प्रेरणास्त्रोत रहे हैं। मैंने अपने कार्यकाल के दौरान दलगत राजनीति से ऊपर उठकर काम किया, हम सभी संसदरुपी परिवार हैं, इसलिये हमें संयुक्त परिवार का हिस्स होकर काम करना होता है, जिस तरह परिवारों में लोगों के बीच मतभेद होते हैं, उसी तरह संसद में भी विभिन्न सांसदों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन गे का रास्ता कैसे तय करना है, ये आप लोगों पर निर्भर करता है।

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