नोट गिनते-गिनते हांफ रहे मशीन, अब तक 50 करोड़ कैश, शौचालय से मिला खजाना

अर्पिता मुखर्जी ने पूछताछ के दौरान ईडी को कोलकाता के आस-पास की अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी, अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह से ही इन संपत्तियों पर छापेमारी की जा रही है।

New Delhi, Jul 28 : पश्चिम बंगाल के चर्चित टीचर भर्ती घोटाले की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों को उत्तर 24- परगना में अर्पिता मुखर्जी के बेलघोरिया फ्लैट से 5 किलो सोने के अलावा 28 करोड़ रुपये की नगदी मिले हैं, गुरुवार सुबह 4 बजे तक नोटों की गिनती जारी रही, जांच एजेंसी ने कहा कि परिसर से बरामद कुल नकदी करीब 50 करोड़ हो चुकी है, अधिकारियों ने कहा कि शौचालय से भारी मात्रा में पैसा बरामद किया गया है।

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18 घंटे छापेमारी
ईडी अधिकारियों ने अर्पिता मुखर्जी के बेलघोरिया फ्लैट पर बुधवार सुबह तक यानी करीब 18 घंटे तक छापेमारी करती रही, इससे पहले बुधवार को बेलघोरिया में दो फ्लैटों पर पूछताछ के बाद छापेमारी की गई, एक में करीब 22 करोड़ रुपये कैश और सोना मिला है, रिपोर्ट में कहा गया, कि अर्पिता मुखर्जी ने दावा किया कि मंत्री पार्थ चटर्जी ने उनके घर को मिनी बैंक के रुप में इस्तेमाल किया।

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ट्रक में लोड कर ले गये
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक ईडी के अधिकारियों ने टीएमसी नेता तथा बंगाल के मंत्री पार्थ चटर्जी के करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी के आवास से बरामद नकदी तथा आभूषणों से भरी करीब 10 ट्रंक के साथ ट्रक को लोड किया, ममता के मंत्री को हाल ही में ईडी ने गिरफ्तार किया था। ईडी के एक अधिकारी ने बताया कि इस बार उत्तर कोलकाता के बेलघरिया स्थित फ्लैट के नकदी मिली है, जिसकी मालकिन अर्पिता मुखर्जी है, रथाला इलाके में अर्पिता के दो फ्लैट का ताला तोड़ा गया, Parth क्योंकि उनकी चाबी नहीं थी, उन्होने बताया कि हमें हाउसिंग कॉम्प्लेक्स में दो में से एक फ्लैट में बड़ी मात्रा में नकदी मिली है, फ्लैटों की तलाशी के दौरान कई अहम दस्तावेज भी बरामद हुए हैं, ईडी ने फ्लैट को सील कर दिया है, जांच एजेंसी ने पार्थ के सहयोगी और व्यवसायी मनोज जैन के बल्लीगंज स्थित आवाज की भी तलाशी ली है।

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सुबह से जारी थी कार्रवाई
अर्पिता मुखर्जी ने पूछताछ के दौरान ईडी को कोलकाता के आस-पास की अपनी संपत्ति की जानकारी दी थी, अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह से ही इन संपत्तियों पर छापेमारी की जा रही है, मंत्री और अर्पिता से पूछताछ के बारे में पूछे जाने पर उन्होने कहा मुखर्जी जांच में सहयोग कर रही हैं, लेकिन मंत्री का रवैया असहयोगात्मक है। आपको बता दें कोलकाता हाईकोर्ट के निर्देश पर सीबीआई सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में समूह ग और घ वर्ग के कर्मचारियों तथा शिक्षकों की भर्ती में हुई कथित अनियमितता की जांच कर रही है, वहीं ईडी घोटाले में धनशोधन की जांच कर रहा है, जब ये कथित घोटाला हुआ, तब पार्थ चटर्जी प्रदेश के शिक्षा मंत्री थे।

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