100 करोड़ की ठगी में BSF का पूर्व रसोइया गिरफ्तार, 46 मामलों में था भगोड़ा

राजस्थान को जोधपुर निवासी ओमा राम को 2004 में बीएसएफ में कुक की नौकरी मिली, लेकिन दो साल बाद ही ओमा ने ये नौकरी छोड़ दी, क्योंकि उसे जल्दी अमीर बनना था।

New Delhi, Jul 30 : दिल्ली पुलिस की अपराध शाखा ने सीमा सुरक्षा बल के एक पूर्व रसोइये को गिरफ्तार किया है, आरोपित ने महज कुछ ही दिनों पहले बीएसएफ इसलिये छोड़ दी थी, कि वो अमीर बनना चाह रहा था, अमीर बनने के लिये उसने ठगी का रास्ता चुना, 100 करोड़ की ठगी को अंजाम देकर फरार हो गया। 2008 से 2011 के बीच दर्ज हुए 49 मामलों में राजस्थान पुलिस को ओमा राम की तलाश थी, आरोपित को 46 मामलों में भगोड़ा भी घोषित किया जा चुका है, लेकिन ये शातिर पुलिस को चकमा देने के लिये ना सिर्फ बार-बार अपना नाम बल्कि शहर भी बदल रहा था, दिल्ली पुलिस ने 6 महीने की कोशिश के बाद ओमा राम को गिरफ्तार किया है।

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बीएसएफ में कुक
राजस्थान को जोधपुर निवासी ओमा राम को 2004 में बीएसएफ में कुक की नौकरी मिली, लेकिन दो साल बाद ही ओमा ने ये नौकरी छोड़ दी, क्योंकि उसे जल्दी अमीर बनना था। rupees नौकरी छोड़ने के बाद एमा ने 2007 अपनी सिक्योरिटी एजेंसी शुरु की, जिसमें 60 लोगों को भर्ती किया, फिर इस कंपनी को उसने एक्स सर्विसमैन राकेश मोहन को बेच दिया, जिसके बाद 2007 में ही उसने एमएलएम कंपनी में एजेंट की नौकरी शुरु की, यहां करीब डेढ करोड़ रुपये कमाने के बाद उसने यहां भी नौकरी छोड़ दी, 2009 में आरोपित ने अपनी एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी खोली, खुद मैनेजिंग डायरेक्टर बना।

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कंपनी खोल करोड़ों का चूना लगाया
ओमा की ये कंपनी नये सदस्यों के जुड़ने पर कमीशन देती थी, हर सदस्य को 4000 रुपये जमा करने थे, बदले में 400 का सफारी सूट मिलता था, हर सदस्य को कमीशन प्राप्त करने के लिये कम से कम 10 और सदस्यों को जोड़ना होता था, rupees (1) सदस्यों को उनके निवेश पर सुनिश्चित रिटर्न की भी गारंटी गदी जाती थी, लगातार 1 साल तक हर महीने 2 लाख का बिजनेस देने वाले को ईनाम में एक साल बाद बाइक दी जाती थी, इस तरह हजारों सदस्य जुड़ गये, कंपनी ने लोगों को 100 करोड़ का चूना लगा दिया, कुछ समय बाद कंपनी ने कमीशन देना बंद कर दिया।

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राजस्थान से भागकर इंदौर पहुंचा
2011 में कंपनी के खिलाफ कई आपराधिक केस राजस्थान में दर्ज हो गये, जिसके बाद ओमा राम वहां से भाग कर इंदौर पहुंचा, वहां उसने को-ऑपरेटिव सोसाइटी का लाइसेंस ले लिया, ओमा राम वहां राम मारवाड़ी के नाम से रहने लगा। Rupees इंदौर में कई काम धंधों में नुकसान उठाने के बाद वो दिल्ली आ गया, जहां प्रॉपर्टी डीलिंग का काम शुरु किया, फिर 2018 में कैश बैक बाजार के नाम से ग्रॉसरी स्टोर खोला, लेकिन इसमें भी उसे नुकसान हुआ, 2020 में इसके खिलाफ दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ, जिसमें वो राम मारवाड़ी के नाम से गिरफ्तार हुआ, इसके बाद 2021 में आरोपित ने ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म बनाया, फिर इंदौर शिफ्ट हो गया, इस प्लेटफॉर्म को बनाने के पीछे उसकी साजिश थी फिर से लोगों को ठगी का शिकार बनाना, इस दौरान दिल्ली पुलिस को इसकी ठगी की जानकारी मिल गई, जिसके बाद पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर लिया।