कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय महिला हॉकी टीम के साथ ‘बेईमानी’, FIH ने मांगी माफी, पूरा मामला
पेनल्टी शूटआउट के दौरान अपना पहला प्रयास चूकने वाली ऑस्ट्रेलिया की रोजी मेलोन को एक और मौका दिया गया, क्योंकि स्कोरबोर्ड पर 8 सेकेंड की उल्टी गिनती शुरु नहीं हुई थी।
New Delhi, Aug 06 : कॉमनवेल्थ गेम्स में महिला हॉकी के सेमीफाइनल मैच में टीम इंडिया के सथ हुई चीटिंग पर एफआईएच ने माफी मांगी है, इस मैच में पेनल्टी शूटआउट के दौरान रेफरी की गलती की वजह से ऑस्ट्रेलिया टीम को पहला गोल करने के लिये 2 मौके मिले थे, इस वजह से भारतीय टीम को हार का सामना करना पड़ा, इसके बाद इस मामले पर जमकर बवाल हुआ, अब एफआईएच ने पूरे मामले पर माफी मांगी है, इस घटना की समीक्षा करने की बात कही है।
ऑस्ट्रेलिया को मौका
पेनल्टी शूटआउट के दौरान अपना पहला प्रयास चूकने वाली ऑस्ट्रेलिया की रोजी मेलोन को एक और मौका दिया गया, क्योंकि स्कोरबोर्ड पर 8 सेकेंड की उल्टी गिनती शुरु नहीं हुई थी, मेलोन दूसरा मौका मिलने पर नहीं चूकी, उन्होने अपनी टीम को बढत दिला दी, जिसका नतीजा ये हुआ कि भारतीय खिलाड़ियों का मनोबल टूट गया और टीम इंडिया पेनल्टी शूटआउ में 3-0 से हार गई।
बराबरी पर थी टीम
नियमित समय तक दोनों टीमें 1-1 की बराबरी पर थी, दर्शकों ने भी तकनीकी अधिकारियों के फैसले पर गुस्सा जताया था, मैदान पर टीम इंडिया के कोच शोपमैन और बाकी खिलाड़ी रेफरी से बहस भी करती दिखी, हालांकि रेफरी ने भारतीयों की बात नहीं सुनी और ऑस्ट्रेलियाई टीम को दूसरा मौका दिया।
क्या बोला एफआईएच
एफआईएच ने बयान में कहा कि बर्मिंघम राष्ट्रमंडल खेलों में ऑस्ट्रेलिया और भारत की महिला टीमों के बीच खेले गये सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान शूटआउट गलती से बहुत जल्दी शुरु हो गया था, तब घड़ी संचालित होने के लिये तैयार नहीं थी, जिसके लिये हम माफी मांगते हैं। बयान में कहा गया कि इस तरह की परिस्थिति में दोबारा पेनल्टी शूटआउट लेने की प्रक्रिया है, एफआईएच इस घटना की पूरी जांच करेगा, ताकि भविष्य में इस तरह के मसलों से बचा जा सके।
रो पड़ी खिलाड़ी
सेमीफाइनल मुकाबला गंवाने के बाद टीम इंडिया की खिलाड़ी रो पड़ी, कप्तान सविता पूनिया से मैच के बाद जब सवाल पूछा गया तो उनकी आंखों में आंसू थे, हालांकि उन्होने कहा कि ये खेल का हिस्सा है, हम इसमें कुछ नहीं कर सकते, इसे प्रबंधन को देखना है, वहीं टीम इंडिया की कोच शोपमैन ने साफ तौर से आयोजकों की आलोचना की, उन्होने कहा कि इस तरह की घटना नहीं होनी चाहिये, उस एक घटना से मनोबल टूटा और हम हार गये, अभी हमें ब्रांज के लिये खेलना है, भारतीय खिलाड़ियों में फिर से हिम्मत जगानी है, जिनका मनोबल टूट चुका है।