क्यों मनाया जाता है रक्षाबंधन का त्योहार, कैसे हुई थी इसकी शुरुआत?
इस दिन बहनें भाई को तिलक करके उनकी कलाई पर राखी बांधते हैं, साथ ही उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। तो भाई अपनी बहनों की प्रतिष्ठा सदा रक्षा करने का वचन देता है।
New Delhi, Aug 11 : रक्षाबंधन का त्योहार हिंदू पंचांग के मुताबिक हर साल सावन महीने की पूर्णिमा को मनाया जाता है, ये त्योहार भाई-बहन के खट्टे-मीठे तथा सौहार्दपूर्ण रिश्ते की याद दिलाता है, इस दिन बहनें भाई को तिलक करके उनकी कलाई पर राखी बांधते हैं, साथ ही उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। तो भाई अपनी बहनों की प्रतिष्ठा सदा रक्षा करने का वचन देता है, इस साल 11 अगस्त को राखी मनाई जाएगी, आइये आपको बताते हैं कि रक्षाबंधन की शुरुआत कैसे हुई।
कथा -1
एक पौराणिक कथा के मुताबिक कहा जाता है कि प्राचीन समय में एक बार जब दैत्यों के राजा बलि ने देवताओं पर आक्रमण किया था, तो इसे देखकर इंद्र देव की बहन सची काफी परेशान हो गई थी, राजा बलि द्वारा देवगणों को परेशान करता देख और इस युद्ध में देवताओं की विजय के लिये सची ने भगवान विष्णु से सहायता मांगी।
इसके बाद विष्णु ने सची को एक धागा देकर कहा कि इसे अपने पति इंद्र की कलाई पर बांध देना, जिससे वो जीत जाएंगे, सची ने विष्णु के कहे मुताबिक इंद्रदेव की कलाई पर वो धागा बांध दिया, उस युद्ध में उन्होने राजा बलि को हरा दिया, तभी से मान्यता है कि बहनें अपने भाई की, तथा पत्नियां अपने पति को रक्षा सूत्र बांधकर उनकी लंबी उम्र तथा विजय की कामना करती है।
दूसरी कथा
एक दूसरी कथा के मुताबिक अपनी बुआ के बेटे शिशुपाल के 100 अपराध पूरे बोने के बाद जब कृष्ण उसे मारने के लिये शिशुपाल के साथ युद्ध कर रहे थे, तो उस दौरान श्रीकृष्ण की तर्जनी उंगली कट जाने के कारण उससे खून निकलने लगा, तब द्रौपदी ने अपनी साड़ी के पल्लू का टुकड़ा फाड़कर भगवान कृष्ण के हाथ पर बांध दिया था, उस समय ही कृष्ण ने द्रौपदी की रक्षा करने का वचन दिया था, इसके बाद कृष्ण ने अपने इसी वचन के तहत धृतराष्ट्र के दरबार में द्रौपदी के चीरहरण के समय उसके सम्मान की रक्षा की थी, मान्यता है कि तब से ही ये त्योहार मनाया जा रहा है।